रक्षा बजट में कटौती को लेकर संसदीय समिति ने गंभीर चिंता जताई है। समिति ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कुल रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपये को कम बताया है।
आधुनिकीकरण के लिए सशस्त्र बल फंड की कमी की समस्या से किस कदर जूझ रहे हैं, इसकी बानगी देखिए। आधुनिकीकरण के लिए सेना को 42,500 करोड़ रुपये की जरूरत थी लेकिन बजट में उसके हिस्से सिर्फ 25,254 करोड़ रुपये ही आए।
इसमें से भी 23,000 करोड़ रुपये पुरानी देनदारियों को चुकाने में चले जाएंगे। इस तरह नए प्रॉजेक्ट्स के लिए सेना के पास महज 2,254 करोड़ रुपये ही बचेंगे।
कमेटी ने कहा कि यह बजट सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए काफी कम है। समिति ने नौसेना का उदाहरण देते हुए बताया की उनके पास पुराने हथियार हैं। साथ ही अन्य संसाधनों की भी भारी कमी है।
वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की है जो बेहद निराशाजनक है। वायुसेना के मुताबिक, अगले 10 साल में उसके पास 33 से घटकर सिर्फ 19 स्क्वाड्रन रह जाएंगे। वायुसेना ने बताया कि 2027 तक मिग-21, मिग-27 और मिग-29 विमानों के 14 स्क्वाड्रन रिटायर हो जाएंगे।