नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध के कारण सत्र का तीसरा हफ्ता भी इस मुद्दे की भेंट चढ़ जाने की संभावना है।
नोटबंदी पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग को लेकर अड़े विपक्ष के हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र के दूसरे हफ्ते में विधायी कामकाज नहीं हो सका।
हालांकि प्रधानमंत्री 24 नवंबर को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मौजूद थे लेकिन भोजनावकाश के बाद उनकी गैर मौजूदगी से विपक्ष फिर भडक गया और हंगामा शुरू हो गया । विपक्ष की मांग थी कि प्रधानमंत्री को नोटबंदी पर पूरी चर्चा के दौरान मौजूद रहना चाहिए ।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हफ्ते की शुरूआत में संवाददाताओं से कहा था कि प्रधानमंत्री को संसद में आना चाहिए। उनके पास पोप संगीत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए समय है लेकिन संसद में आने के लिए नहीं है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना था कि नोटबंदी की योजना की घोषणा प्रधानमंत्री ने की है इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर पूरी चर्चा के दौरान मौजूद रहना चाहिए।
इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला तेज करने की मुहिम के तहत विपक्ष ने कल जन आक्रोश दिवस मनाने का ऐलान किया है । विपक्ष का कहना है कि इस नीति से देश में आर्थिक आपातकाल और वित्तीय अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है।
विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की मुखालफत करने के लिए विरोध मार्च की योजना बनायी है। कांग्रेस मंडी हाउस से संसद भवन तक जन आक्रोश मार्च करेगी।