पाकिस्तान फांसी की सजा अथवा अन्य संगीन अपराधों में उम्रकैद की सजा पाने वाले अपराधियों को आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए भारत भेज रहा है.
पाकिस्तान अपनी 'नापाक' हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. लगातार सरहद पर घुसपैठ की कोशिश हो या आंतकवादी गतिविधियां पाक अपनी पूरी ताकत भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने में लगा है. लेकिन पाक के नापाक मंसूबे यहीं खत्म नही हो जाते. पाक भारत के खिलाफ एक अन्य रणनीति के तहत वार करने की प्रयास में है.
कश्मीर में तैनात एक अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है. अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान सरकार आतंकवादियों को पनाह कई रूपों में देती है। वहां की अदालतों में फांसी या उम्रकैद की सजा पाने वाले अपराधियों को यह कहकर भारत में घुसपैठ के लिए प्रेरित किया जाता है कि अगर वे हमलों को अंजाम देकर वापस आएंगे तो उनकी सजा माफ हो जाएगी. अगर इस दौरान ये कैदी मारे गए तो वे शहीद की श्रेणी में आएंगे.
अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने वाले आतंकवादियों से मिले दस्तावेजों का विश्लेषण करने के बाद इस बात का पता चला कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सजायाफ्ता अपराधियों को प्रोत्साहित कर रहा है.
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडों का इस्तेमाल कर रहा है. अधिकारी ने कहा कि पकड़े गए आतंकवादियों ने पूछताछ में कई बार इस बात को स्वीकार किया कि वे गरीबी और धार्मिक कट्टरता के कारण आतंकवाद में शामिल हुए हैं.
आतंकवाद का दामन थामने वाले युवाओं का मन मस्तिष्क इस प्रकार नियंत्रित किया जाता है कि उन्हें अपने मिशन के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार घुसपैठ की कोशिश की जा रही हैं, इसलिए नियंत्रण रेखा पर इन दिनों तनाव अधिक है.
अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों पर लोगों की आवाजाही बढ़ने से घुसपैठ की आशंका बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान सरकार अपनी अग्रिम चौकियों से आगे का मार्ग दिखाने का काम करती है.
इससे साफ हो जाता है कि सीमा पार से जितने भी आतंकवादी भारत की सीमा में घुसपैठ की कोशिश करते हैं उनको वहां की सेना पूरा सहयोग करती है. खुफिया एजेंसी तथा आतंकवादियों के बीच सांठगाठ के कारण ही आतंकवादी मंसूबों को अंजाम दिया जाता है.