हैदराबाद। केन्द्र सरकार के द्वारा पांच सौ और एक हजार रूपए के नोट बंद करने से एक सप्ताह पहले बैंकों में जमा राशि में हुई अचानक वृद्धि और आर्थिक गतिविधि में बढी सक्रियता की कांग्रेस पार्टी आज जांच की मांग की।
यहां के गांधी भवन में पत्रकारों से वार्ता में पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन बैंको के खातों की जांच कराई जाए जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा विमुद्रीकरण की घोषणा से कुछ सप्ताह पहले जिन में बड़ी रकम को जमा किया गया था। उन्होंने ऐसे खातो कि जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश या संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की निगरानी में करने की मांग की ताकि पता चल सके की वे पैसे किसके थे।
सिंघवी ने सवाल उठाया नोटबंदी से कुछ दिन पहले अचानक आर्थिक गतिविधियों में सक्रियता क्यों आई? क्या मोदी ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये उन्हें इसकी सूचना पहले दे दी थी? इसकी जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ें के मुताबिक पिछले माह के मुकाबले इस वर्ष सितंबर में बैंकों की जमा राशि 5.88 लाख करोड़ रूपए की बढ़ोतरी रही।
उन्होंने मांग कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कि राज्य इकाइयों और प्रत्येक भाजपा ईकाई के पिछले छह महीने के दौरान बैंक खातों तथा संपत्ति की जांच होनी चाहिए।