नोटबंदी को एक महीना पूरा: बैंको में लंबी कतारें जारी, विपक्ष मना रहा ब्लैक डे

Samachar Jagat | Thursday, 08 Dec 2016 12:48:13 PM
Notbandi completed one month long queues in front of banks opposition celebrating Black Day

नई दिल्ली। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को एक महीना बीत चुका है। हालांकि पीएम मोदी ने नोटबंदी से होने वाली परेशानी से जनता को आश्वस्त किया था कि आप मुझे सिर्फ पचास दिन दीजिए। इसके बाद आपको कोई परेशानी नहीं होगी। अब बचे शेष दिनों को जनता बेसब्री से गिन रही है। इस उम्मीद में कि 20 दिन बाद कोई चमत्कार होगा और पैसे की कमी से जूझ रहे लोगो की परेशानी कम होगी।

हालांकि, नोटबंदी से अब तक लोगो की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और बैंक और एटीएम के आगे लंबी लंबी कतारे जारी हैं। बैंक में कैश की कमी बताई जा रही है और लोगो को सीमित रकम दी जा रही है। जिससे लोगो में रोष है लेकिन पीएम के फैसले से जनता खुश है।

इधर, विपक्ष नोटबंदी के एक महीना पूरा होने पर ब्लैक डे मना रही है और संसद में विपक्षी पार्टियों को हंगामा जारी है। इसके अलावा विपक्ष ने बैंको की कतारों में मरे लोगों के लिए संसद में मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।

अब सवाल यह है कि फिलहाल तो नोटबंदी के कारण उत्पन्न हुई आर्थिक संकट की स्थिति संभल में नहीं आई है लेकिन, अगर आने वाले दिनों में यह स्थिति नहीं सुधरती है तो जनता का क्या रूख होगा और सरकार क्या उपाय करेगी। हालांकि, जनता का धैर्य खोता जा रहा है। लेकिन जनता पीएम के 50 दिन के वादे का बखूबी साथ भी दे रही है।

सरकार ने 1000-500 के पुराने नोट बंद कर दिए हैं, और उसके बदले 500 और 2000 हजार के नए नोट जारी किए हैं। लेकिन, बैंको में सिर्फ 10, 100 और 2000 के नोट दिए जा रहे हैं और एटीएम में सिर्फ 2000 के नोट दिए जा रहे हैं जिससे लोगो के समक्ष परेशानी उत्पन्न हो रही है।

नोटो की कमी से रोजगार के हालातों पर असर पड़ता जा रहा है। छोटे और लघु उद्योगों के कारखानों और फैक्ट्रियों से लैबर को हटाया जा रहा है। इस पर फैक्ट्री मालिक रकम ना  होने का हवाला दे रहे हैं।

उनका कहना यह गरीब तबका और इनको रोज या हफ्ते में तनख्वाह चाहिए होती है और अभी बैंको से लिमिटेड रकम निकल रही है और आगे से माल की डिलीवरी भी नहीं हो रही है। हजारों की तादाद में बेरोजगारी को लेकर अभी सवाल ही बना हुआ है कि आगे इस मजदूर तबके का क्या होगा?

उधर, राजनीति गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। विपक्ष का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष कहता है कि नोटबंदी का फैसला आम जनता के खिलाफ है जबकि सरकार कह रही है इसके प्रभाव आगे जाकर देखने को मिलेंगे और आतंकियो और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। सरकार इस पर चर्चा करने को भी तैयार है लेकिन, विपक्ष चाहता है कि पीएम संसद में आकर नोटबंदी पर बयान दें।

इस सबके बीच बैंको के आगे कतारें बढ़ती जा रही हैं और कैश की किल्लत में दिनों-दिन इजाफा होता जा रहा है। लेकिन, जनता फिर भी आश्वस्त है पीएम के उस बयान पर ! भाईयों और बहिनों आप मुझे सिर्फ पचास दिन दीजिए। आप मेरे खातिर सिर्फ पचास दिनों की तकलीफ उठा लीजिए।



 

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