आदेशों की प्रति उपलब्ध नहीं कराने पर उच्चतम न्यायालय ने जाहिर की नाराजगी

Samachar Jagat | Thursday, 03 Nov 2016 05:10:27 PM
Not providing a copy of the orders of the Supreme Court expressed displeasure

नई दिल्ली। बंबई उच्च न्यायालय द्वारा ‘बार बार पारित आदेशों की प्रति संबंधित पक्षों को उपलब्ध नहीं कराए जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश से इसमें हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। न्यायालय ने कहा है कि इस मामले को देखा जाए कि क्या इसमें कुछ किया जा सकता है। 

न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने यह टिप्पणी संपत्ति विवाद से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान उस समय की जब याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि अगस्त में उच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित किए जाने के बावजूद इसकी प्रति उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है।

पीठ ने कहा, हम इस बात से बेहद नाखुश हैं कि बंबई उच्च न्यायालय संबंधित पक्षों को आदेश की प्रति उपलब्ध कराए बगैर ही बार बार आदेश पारित कर रहा है। हम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले पर गौर करने और इस पर विचार करने का अनुरोध करते हैं कि इसमें क्या कुछ हो सकता है।

न्यायालय ने मेसर्स गादा प्रापर्टीज प्रा.लि द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराने में असफल रहने पर यह आदेश दिया। गादा प्रापर्टीज ने इस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है लेकिन पीठ के पहले के निर्देश के बावजूद यह आदेश उपलब्ध नहीं कराया गया।

न्यायालय ने इस फर्म को फैसले के प्रमाणन के बगैर ही सामान्य प्रति के साथ अपील दायर करने की अनुमति प्रदान करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने आठ अगस्त को आदेश पारित किया था और अब करीब ढाई महीने बाद भी इसकी प्रति उपलब्ध नहीं है।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में शहर में तीन इमारतों के हिस्सों को गैरकानूनी घोषित करने संबंधी स्थानीय निकाय के आदेश को चुनौती देने वाली फर्म की याचिका खारिज कर दी थी। 
 



 

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