ब्लैक मनी को पूर्वोत्तर भेजकर यूं किया जा रहा सफेद?

Samachar Jagat | Thursday, 24 Nov 2016 08:44:46 AM
Northeast black money being sent Yun white

नई दिल्ली। 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद उनलोगों में खलबली मच गई है, जिनलोगों के पास बड़ी मात्रा में काला धन है। ऐसे लोग अपने काले धन को सफेद करने के लिए कानून में मौजूद हर तरह की छूट का बेधडक़ दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्हीं उपायों में से एक उपाय देश के पूर्वोत्तर राज्यों में पैसे भेजकर सफेद बनाने का धंधा भी चल रहा है। अभी हरियाणा से नागालैंड पैसे भेजे जाने का एक मामला पकड़ में आया है।

भारत के आयकर कानूनों में आय की कई श्रेणियों और समाज के कुछ वर्ग को टैक्स से छूट दी गई है। नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को आयकर टैक्स अदा करने से छूट मिली हुई है। असम के नॉर्थ कचार हिल्स और मिकिर हिल्स, मेघालय के खासी हिल्स, गारो हिल्स और जयंतिया हिल्स, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में बसने वाली अनुसूचित जनजातियों को इनकम टैक्स से छूट मिली हुई है। इनको किसी भी स्रोत से आय या कहीं से भी सिक्यॉरिटीज पर लाभांश या ब्याज के रूप में होने वाली आय टैक्स फ्री है।

कमाल है देश मे इतनी ज्यादा जनजातियो ओर लोगो को आयकर से छूट प्राप्त है फिर भी यह काला धन रखने वाले इन लोगो की सहायता से अपना काला धन को सफेद करने लगे है 7

इसी तरह से सिक्किम वासियों को भी छूट मिली हुई है। इस तरह की छूट का मकसद पिछड़े क्षेत्र और समुदायों के बीच वित्तीय असमानता को दूर करना है। लेकिन, नोटबंदी के बाद लोग काले धन को सफेद करने के लिए इसका दुरुपयोग कर रहे हैं।

खेती से होने वाली आय भी टैक्स फ्री है। खेती से होने वाली आय में कृषि भूमि के लिए प्राप्त किराया या रेवेन्यू शामिल है। इसके अलावा कई संस्थानों को भी आईटी ऐक्ट के तहत छूट मिली हुई है। उदाहरण के लिए खादी और ग्राम उद्योगों के विकास के लिए स्थापित पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट और नॉट फॉर प्रॉफिट सोसायटी को इनकम टैक्स से छूट है। वैसे शैक्षणिक संस्थानों और यूनिवर्सिटियों को भी आईटी ऐक्ट के कई सब सेक्शंस के तहत इनकम टैक्स से छूट मिली है, जिनका केवल एक मकसद शिक्षा प्रदान करना है और नॉट फॉर प्रॉफिट संस्थान हैं। इसी तरह से नॉट फॉर प्रॉफिट अस्पताल भी छूट के दायरे में आते हैं।

किसी चैरिटेबल संस्थान की आय या निर्धारित अथॉरिटी द्वारा स्वीकृत फंड पर भी इनकम टैक्स नहीं देना होता है। इसी तरह से निर्धारित अथॉरिटी से मंजूरी प्राप्त पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट या धार्मिक संस्थान को भी छूट है। राजनीतिक पार्टियां और निर्वाचन ट्रस्ट्स की आय भी टैक्सेबल नहीं है।



 

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