संशोधन को समझे बिना आंदोलन आदिवासियों के हित में नहीं : भाजपा

Samachar Jagat | Tuesday, 24 Jan 2017 10:13:22 PM
No modification in the interest of the tribal movement without understanding: BJP

अगरतला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की त्रिपुरा इकाई ने प्रस्तावित संशोधन नागरिकता अधिनियम, 1955 के खिलाफ तीन प्रमुख जनजाति दलों आईएनपीटी, आईपीएफटी और एनसीटी के संयुक्त आंदोलन का आज विरोध किया और कहा कि अधिनियम को समझे बिना इसकी खिलाफत किये जाने से जनजातियों के हितों के संरक्षण में मदद नहीं मिलेगी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विप्लब कुमार देव और पार्टी पर्यवेक्षक सुनील देवधर ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जनजाति दलों के नेता प्रस्तावित अधिनियम की वस्तुस्थिति से अनभिज्ञ हैं तथा इसे बिना जाने समझे केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन किये जाने से जनजाति हितों के संरक्षण में कोई सहायता मिलेगी। देवधर ने कहा कि ‘‘भाजपा के जनजाति भवग ने यहां जनजातीय लोगों की आशंका के बारे में चर्चा के लिए जल्द ही प्रस्तावित विधेयक पर संसदीय समिति प्रमुख से मिलने का फैसला किया है। समिति विधेयक के मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले उस पर विचार करने के लिए लोगों को आमंत्रित करेगी।

सभी पार्टियों के सांसदों को इस मसौदे से संतुष्ट करने के बाद समिति इसे संसद में पेश करेगी। उन्होंने तर्क दिया कि विधेयक के बारे में भचतित होने की कोई बात नहीं है और नागरिकता विधेयक के प्रस्तावित संशोधन का अधिकतर हिस्सा राज्य के लिए प्रासंगिक नहीं है । इसके क्रियान्वयन के लिए जनजातीय लोगों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगी। हालांकि पार्टी अध्यक्ष देव ने कहा है कि त्रिपुरा एडीसी को नागरिकता विधेयक में संशोधन और अधिक अधिकार देने के लिए आगामी आठ फरवरी को तीनों जनजातीय दलों द्वारा नई दिल्ली में प्रदर्शन का भाजपा समर्थन नहीं करेगी। -(एजेंसी)



 

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