उच्चतम न्यायालय नौ दिसंबर को नोटबंदी पर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा

Samachar Jagat | Tuesday, 06 Dec 2016 01:45:41 AM
Nine Supreme Court will hear petitions on December Notbandi

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय नोटबंदी के बाद ग्रामीण इलाकों में लोगों की परेशानी और असुविधा को कम करने को लेकर केंद्र की ओर से उठाए गए कदमों पर नौ दिसंबर को एक अहम सुनवाई करेगा। दरअसल, ग्रामीण इलाकों के लोग बहुत हद तक सहकारी बैंकों पर निर्भर हैं। 

शीर्ष न्यायालय आज तय कार्यक्रम के अनुसार आज इस विषय पर सुनवाई नहीं कर सका। दरअसल, प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर को पीठ की अध्यक्षता करनी थी, पर वह मौजूद नहीं थे। शीर्ष न्यायालय ने दो दिसंबर को केंद्र से ग्रामीण इलाकों में लोगों को हो रही परेशानी और असुविधा को कम करने के लिए उठाए गए उपाय बताने को कहा था।

नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा था कि सभी पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और मामलों की श्रेणियों की एक सूची बनानी चाहिए, जिसे उच्च न्यायालयों को भेजा जा सके और उन पर शीर्ष न्यायालय सुनवाई कर सके। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र की ओर से पेश होते हुए कहा था कि सरकार सहकारी बैंकों में स्थिति से वाकिफ है जहां वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में उपयुक्त बुनियादी ढांचों और तंत्र की कमी है। 

वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने सहकारी बैंकों की ओर से पेश होते हुए सरकार के फैसले पर सवाल किया था जिसके बाद रोहतगी की यह दलील आई। चिदंबरम ने कहा था कि सहकारी बैंकों को शामिल नहीं किए जाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पंगु हो गई है। न्यायालय 1,000 रूपए और 500 रूपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इसके अलावा नोटबंदी के चलते आम आदमी को हो रही असुविधा के मुद्दे पर भी सुनवाई कर रहा है। 

इसने अटार्नी जनरल से एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि नोटबंदी के चलते पैदा हुए हालात को दुरूस्त करने के लिए क्या योजनाएं बनाई गई और क्या कदम उठाए गए। केंद्र ने हाल ही में शीर्ष न्यायालय का रूख कर विभिन्न अदालतों में लंबित याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय या एक ही उच्च न्यायालय में स्थानांंतरित करने की मांग की थी। 



 

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