नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक और उसकी संस्था आईआरएफ से जुड़े बैंक खातों के लेनदेन पर रोक लगाने को कहा है। एनआईए को तीन बैंकों में जाकिर व उनकी संस्था के खातों की पुख्ता जानकारी मिल चुकी है। इसमें सरकारी व निजी क्षेत्र के बैंक शामिल हैं। इनमें हुए लेनदेन की जांच के लिए बैंकों से संपर्क किया गया है। जांच संस्था का मानना है कि कई अन्य बैंकों में इनके खाते हो सकते हैं। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि हमने सभी बैंकों को पत्र लिखकर कहा है कि जाकिर,उनके सहयोगी व संस्था से जुड़े सभी खातों में लेनदेन की जानकारी उपलब्ध कराएं। एनआईए मान रही है कि कई बैँकों में इनके खाते हंै जिससे संदिग्ध लेनदेन हुआ।
एनआईए यह जांच कर रही है कि जाकिर या आईआरएफ के खाते से आतंकवाद में शामिल लोगों को किस तरह की मदद मिली। सूत्रों ने बताया कि जिन बैंकों में नाइक और आईआरएफ के खाते हैं, उन्हें कहा गया है कि वे अगले आदेश तक दोनों के खातों से होने वाले लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं। पिछले तीन दिनों में जाकिर और उसकी संस्था के 20 ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। इसमें नाइक और आईआरएफ से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
सूत्रों ने कहा कि नाइक और आईआरएफ के बैंक खातों पर रोक लगाने की कवायद कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद होने के बाद शुरु की गई है। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में कथित तौर पर भर्ती हुए अबु अनस ने अक्तूबर 2015 में आईआरएफ से छात्रवृत्ति के तौर पर 80,000 रूपए प्राप्त किए थे। जांच एजेंसी को आशंका है कि इसी तरह से कई और संदिग्ध लोगों से वित्तीय लेनदेन किया गया होगा। गौरतलब है कि पेशे से इंजीनियर और राजस्थान के टोंक जिले के रहने वाले अनस को जनवरी में एनआईए ने जब गिरफ्तार किया था, उस वक्त उसने हैदराबाद स्थित एक कंपनी की नौकरी छोड़ दी थी । अनस पर गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवादी हमले की कथित योजना बनाने का आरोप है।