नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज विदेशी कोष के प्रयोग करने के लिए एक गैरसरकारी संगठन एनजीओ के खाते से लेनदेन पर लगी रोक हटाने से इंकार किया क्योंकि केन्द्र ने दावा किया कि एफसीआरए के तहत विदेशी कोष पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं करने का फैसला ‘‘जनहित’’ में लिया गया।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा, ‘‘मैं याचिकाकर्ता के खाते पर लगी रोक हटाने के संबंध में कोई अंतरिम राहत देने के पक्ष में नहीं हूं। मुझे इसे सुनना होगा और फिर इस मुद्दे पर फैसला किया जाएगा।’’
अदालत ने कहा कि गृह मंत्रालय ने सीलबंद लिफाफे में सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि उनके पास लाइसेंस और विदेशी फंडिंग के नवीनीकरण के संबंध में खुफिया एजेंसियों के इनपुट हैं।
हालांकि अदालत ने गृह मंत्रालय से तीन हफ्ते के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दायर करके विदेशी चंदा नियमन कानून के तहत एनजीओ ‘सेेंटर फार प्रमोशन आफ सोशल कंसन्र्स’ के पंजीकरण का नवीनीकरण से इंकार करने के कारण बताने को कहा।
अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख तय की।