नई दिल्ली। केंद्रीय सरकार में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि चुनावी खर्च सरकार द्वारा वहन किए जाने के मुद्दे पर चर्चा किए जाने की जरूरत है।
कुछ आलोचक यह सवाल कर सकते हैं कि चुनाव का खर्च उठाने के लिए लोगों पर क्यों अतिरिक्त कर लगाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि चुनाव प्रचार अभियान में बाहरी राशि नहीं आएगी।
जेटली ‘चुनावी बांड’ के जरिए राजनीतिक दलों के वित्तपोषण के पक्ष में हैं। उन्होंने अपने बजट भाषण में इस बांड का प्रस्ताव किया है।
यह बांड हर चुनाव के कुछ समय पहले बिक्री के लिए उपलब्ध होगा और दाता अनुसूचित बैंकों से धारक बांड खरीद सकते हैं तथा अपनी पसंदीदा पार्टी को दान दे सकते हैं।