गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्या भू्रण हत्या रोकने में महिला सरपंचों से अहम भूमिका निभाने की अपील करते हुए आज कहा कि बच्ची की रक्षा करना सभी की ‘‘सामाजिक, राष्ट्रीय एवं मानवीय जिम्मेदारी’’ है।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यहां आयोजित राष्ट्रीय महिला सरपंच सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लड़कियों के प्रति भेदभावपूर्ण मानसिकता को बदलने जाने की आवश्कयता है।उन्होंने कहा, ‘‘देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ के लिए काफी कुछ किए जाने की आवश्यकता है। कम से कम जिन गांवों में महिला सरपंच है, वहां कन्या भ्रूण हत्या का कोई मामला नहीं होना चाहिए। यदि सरपंच जागरूकता पैदा करने का निर्णय लेती है तो वह ऐसा कर सकती है।’’
मोदी ने यहां महात्मा मंदिर में आयोजित स्वच्छ शक्ति 2017 कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘विभिन्न राज्यों में 1000 पुरूषों के मुकाबले 800, 850 या 900 महिलाएं हंै। यदि समाज में इस प्रकार का असंतुलन पैदा होता है तो वह विकास कैसे करेगा? यह समाज की जिम्मेदारी है और महिला सरपंच समाज की मानसिकता को बदलने में संभवत अधिक सफल हो सकती हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘बेटी बचाओ हमारी सामाजिक, राष्ट्रीय, मानवीय जिम्मेदारी है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भेदभावपूर्ण मानसिकता से लडऩे और इसे दृढ़ता के साथ बदलने की आवश्यकता है। बदलाव हो रहा है। हमारी बेटियों ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते और हमें गौरवान्वित किया। बोर्ड परीक्षाओं में केवल लड़कियां सूची में शीर्ष पर देखी जा रही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं महिला सरपंचों से अनुरोध करूंगा कि वे लड़कियों का स्कूल जाना सुनिश्चित करें।’’ मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में महिलाओं के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने तकनीकी रूप से सक्षम ग्रामीण भारत के निर्माण की अपील की। उन्होंने ग्रामीण भारत को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की संभावना पर संसद में प्रश्न उठाने वाले विपक्ष के सदस्यों को आड़े हाथों लिया।
इस समारोह के दौरान उस समय सुरक्षा बलों के लिए अजीब सी स्थिति पैदा हो गई जब उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के थोरा गांव की सरपंच शालिनी सिंह ने मुख्य मंच के निकट सुरक्षा कवर तोडक़र मोदी की ओर जाने की कोशिश की। हालांकि महिला पुलिस कर्मी उन्हें तत्काल रोककर हॉल के बाहर ले गईं।
पुलिस ने बताया कि महिला उनके गांव की दशा को लेकर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मोदी को ज्ञापन सौंपना चाहती थी। इस बीच केरल की दो मुस्लिम महिला सरपंचों ने पुलिस द्वारा रोके जाने और सुरक्षा जांच के लिए अपना हिजाब हटाने के लिए कहने के विरोध में समारोह में शिरकत करने से कथित रूप से इनकार कर दिया।
पुलिस ने कहा कि हालांकि महिलाओं ने जब जोर दिया कि उनकी तलाशी नहीं ली जाए तो उन्हें ‘‘पूरे सम्मान’’ के साथ हॉल में जाने की अनुमति दी गई। इस बीच समारोह के दौरान विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने वाले दलित नेता जिग्नेश मेवानी के साथ ओबीसी नेता अल्पेश ठाकुर को आज अलग अलग स्थानों पर हिरासत में लिया गया।
मेवानी और ठाकुर के अलावा मोदी के विरोध में महात्मा मंदिर तक मार्च की योजना बनाने वाले कांग्रेस के करीब 50 कार्यकर्ताओं को आज दोपहर गांधीनगर से पकड़ा गया। निरीक्षक एच बी जाला ने बताया कि मेवानी को नयी दिल्ली से शहर के हवाई अड्डे पर उतरते ही हिरासत में ले लिया गया। ओबीसी-एससी-एसटी एकता मंच के अध्यक्ष अल्पेश ठाकुर को पुलिस ने जिला कलेक्टर के कार्यालय के बाहर से पकड़ा। -(एजेंसी)