जयपुर। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से हिंदी न्यूज चैनल 'एनडीटीवी इंडिया' के प्रसारण पर 24 घंटे के बैन से सोशल मीडिया में हलचल बढ़ गई है। आपको बता दें कि पठानकोट आतंकवादी हमले की कवरेज में प्रसारण नियमों का उल्लंघन करने पर यह प्रतिबंध लगाया गया है।
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जानकारी के मुताबिक एनडीटीवी इंडिया से 8-9 नवंबर की आधी रात से 9-10 नवंबर की आधी रात तक प्रसारण बंद करने के लिए कहा गया है। एनडीटीवी ने गुरुवार को इस आदेश पर हैरानी जताते हुए कहा कि चैनल की कवरेज पूरी तरह से संतुलित थी। इस मामले में एक अंतर-मंत्रिस्तरीय समिति ने यह पाया कि चैनल ने जनवरी में पंजाब में हुए आतंकवादी हमले की कवरेज के दौरान प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया है।
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समिति की रिपोर्ट के मुताबिक चैनल ने सैन्य अड्डे की कुछ संवेदनशील जानकारियां उजागर की थी। एनडीटीवी ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि वे सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है। बयान के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय का आदेश मिला है। ये बेहद चौंकाने वाला है कि एनडीटीवी पर गाज गिराई जा रही है।
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हर चैनल और अखबार की कवरेज समान ही थी। वास्तव में एनडीटीवी की कवरेज संतुलित थी। आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेडिय़ों में बांध दिया गया था, उसके बाद एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई असाधारण है। इस संबंध में एनडीटीवी सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।
इस फैसले पर एनडीटीवी ने अपना पक्ष रखा है, जो इस प्रकार है...
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आदेश प्राप्त हुआ है। बेहद आश्चर्य की बात है कि एनडीटीवी को इस तरीके से चुना गया। सभी समाचार चैनलों और अखबारों की कवरेज एक जैसी ही थी। वास्तविकता में एनडीटीवी की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी। आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेडिय़ों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है। इसके मद्देनजर एनडीटीवी इस मामले में सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।
NDTV इंडिया' पर इस कार्रवाई के बाद ट्विटर पर लगातार लोगों की प्रतिक्रिया मिल रही है। Om Thanvi ने ट्वीट किया कि NDTV इंडिया पर प्रतिबंध अघोषित इमरजेंसी का पैग़ाम है।
NDTV इंडिया पर प्रतिबंध अघोषित इमरजेंसी का पैग़ाम है। प्रतिबंध के रोज़ हर चैनल व हर अख़बार को प्रतिरोध में अपने परदे/पन्ने काले रखने चाहिए।
— Om Thanvi (@omthanvi) November 3, 2016
आम आदमी पार्टी के नेता और पहले पत्रकार रह चुके आशुतोष ने ट्वीट किया कि यह समय है जागने का
Time to wake up. Who is govt to shut NDTV ? All TV/media houses should protest. If succumbed today there will be no media freedom.
— ashutosh (@ashutosh83B) November 3, 2016