वाराणसी। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां गुरुवार को कहा कि पूरी दुनिया में राष्ट्रवाद को एक अच्छा शब्द माना जाता है, लेकिन यह भारत में एक विवादास्पद विषय हो गया है। जेटली हाल ही में लंदन से लौटे हैं। उन्होंने अपनी इस टिप्पणी से पहले लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में कहा था कि भारत के कुछ शिक्षण संस्थानों में विनाश का गठजोड़ चल रहा है। राष्ट्रवाद को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच वाराणसी मेंजेटली ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि इन चीजों को जानबूझकर चुनाव के वक्त उठाया गया है। किसने उठाया, इसका जिक्र उन्होंने नहीं किया।
भाजपा नेता ने कहा, राष्ट्रवाद एक अच्छा शब्द है, ये तो केवल इस देश में बुरा शब्द है। वित्तमंत्री ने कहा, बहस की शुरुआत हमने नहीं की है, लेकिन इस मुद्दे पर अपनी सरकार की विचारधारा व रुख के मुताबिक निश्चित तौर पर हम प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे। हिंदूवादी संगठनों का पक्ष लेते हुए भाजपा नेता ने कहा, दिल्ली में चुनाव के वक्त गिरिजाघरों पर हमले की फर्जी खबरें गढ़ी गईं, फिर बिहार में चुनाव के दौरान अवार्ड वापसी शुरू हुई, तो इस तरह की ताकतें उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान कैसे पीछे रह सकती हैं, और इन्हीं कारणों से यह सब हो रहा है।
उनका इशारा दिल्ली के रामजस कॉलेज में मचे घमासान की तरफ था, जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने साहित्य पर आयोजित एक सेमिमार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाए जाने का विरोध करते हुए हंगामा कर कार्यक्रम रुकवा दिया। जवाब में आयोजन से जुड़े छात्र-छात्राएं एबीवीपी कार्यकर्ताओं से भिड़ गए। दोनों गुटों में जबर्दस्त मारपीट हुई। दोनों तरफ के कई छात्र घायल हुए। पिछले सप्ताह लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान जेटली ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में देश की संप्रभुता को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए और कुछ विश्वविद्यालय विनाश के गठबंधन का घर बन चुके हैं, जो वामपंथियों तथा अलगाववादी एजेंडे वाले लोगों के बीच बना है।
जेटली की यह टिप्पणी पिछले दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी तथा वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के बीच हिंसक झड़प की घटना के मद्देनजर आई है। अन्य केंद्रीय मंत्रियों की तरह उन्होंने भी एबीवीपी का पक्ष लेने का अपना दायित्व निभाया। एबीवीपी की बदसलूकी का शिकार हुई एक शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने जब हिंदूवादी छात्र संगठन के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू की तो उसे उसके साथ दुष्कर्म करने और जान से मारने की धमकियां मिलीं। देश के वित्तमंत्री ने इस बारे में कुछ बोलना मुनासिब नहीं समझा।