देश में सुविधाओं के नाम पर धक्के, मरीज को 14 किमी पैदल लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन

Samachar Jagat | Monday, 27 Mar 2017 11:49:39 AM
name of facilities in country shocks,patient reached hospital with a 14 km walk to hospital

सुकमा। देश के प्रधानमंत्री,केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकारों के मंत्री अपने अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्याें के गुणगान करते नहीं थक रहे है। लेकिन देश में अभी भी ऐसे गांव और क्षेत्र बाकी है जहां लोगों को आजतक भी सुविधाओं के नाम पर धक्के खाने पड़ रहे है।

बात करे छत्तीसगढ़ के सुकमा की जहां जिला मुख्यालय पर तो विकास कार्य जोरो शोरों से चल रहे है लेकिन दूसरी ओर आदिवासियों को आज भी मरीजों को अस्पताल लाने के लिए खटिया से बने डोला का ही सहारा लेना पड़ रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चा रास्ता होने की वजह से एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच पाती, जबकि जिला मुख्यालय पर बने जाबंगा एजुकेशन सिटी और लाइवलीहुड कॉलेज को विकास के नाम पर देश-दुनिया में पेश किया जा रहा है।

वहीं कुआकोण्डा ब्लॉक के हिरोली ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम लावा के आदिवासी आज भी शासन की मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं।

किरंदुल से 14 किमी दूरी पर एनएमडीसी खदान के पीछे बैलाडीला की तराई में लावा गांव बसा है। यहां के मडियामी भीमा नाम के व्यक्ति के बीमार होने पर परिजन उसे खाट पर लेकर 14 किमी का सफर पैदल तय कर परियोजना अस्पताल पहुंचे।

भीमा के भाई छन्नू मडियामी ने बताया कि सल्फी के पेड़ के गिरने से उनकी कमर की हड्डी टूट गई है। हालत गंभीर होने पर डोला में लिटाकर कई जगह रुकते हुए यहां पहुंचे हैं।

हालांकि, इस गांव में पूरी तरह माओवादियों की पैठ है और यहां माओवादियों का शासन चलता है। माओवादी इनके हितैषी बनकर जल, जंगल व जमीन की लड़ाई की बात करते हैं और इन पर अपनी हुकूमत चलाते हैं।

इस क्षेत्र में माओवादियों की दहशत के चलते यहां प्रशासन और एनएमडीसी भी जाने से कतराता है और विकास के नाम पर माओवाद का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता है।

ऐसा नहीं है की यह पहला मामला है जहां एम्बुलेंस नहीं मिलने से मरीज को ऐसे ले जाना पड़ा इससे पहले भी रायपुर जिले में एक अभागा बेटा अपने पिता को कंधे पर इलाज कराने के लिए 8 किलोमीटर अस्पताल ले गया, और मौत के बाद शव को खाट पर रख कर 8 किलोमीटर तक पैदल वापस लेकर आया था।



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.