'कास्त्रो' के निधन पर प्रणव, मोदी, सोनिया सहित देश के नेताओं ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

Samachar Jagat | Saturday, 26 Nov 2016 10:38:06 PM
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नई दिल्ली। क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो के निधन पर आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, वाम नेताओं, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित विभिन्न नेताओं ने आज उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी तथा भारत के साथ उनके विशिष्ट सम्बन्धों को याद किया।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कास्त्रो के निधन पर शोक प्रकट करते हुए एक ट्वीट में कहा, ''क्यूबा के क्रांतिकारी नेता, पूर्व राष्ट्रपति और भारत के मित्र फिदेल कास्त्रो के निधन पर शोक सम्वेदना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कास्त्रो के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें 20वीं सदी की इतिहास रचने वाली हस्तियों में से एक तथा भारत का ''अच्छा मित्र" बताया। उन्होंने ट्वीट किया ''फिदेल कास्त्रो के निधन पर मैं क्यूबा की सरकार और जनता के प्रति गहरी संवेदनाएं जाहिर करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।

उन्होंने कहा ''फिदेल कास्त्रो 20वीं सदी की इतिहास रचने वाली हस्तियों में से एक थे। भारत अपने एक महान दोस्त के निधन पर शोकग्रस्त है। मोदी ने कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में क्यूबा की सरकार और वहां की जनता के साथ है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कास्त्रो के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कास्त्रो ने दमित लोगों का तथा वंचित वर्गों का नेतृत्व किया और स्वतंत्रता की आवाज को मजबूत करने वाली हर कोशिश के साथ खड़े हुए।

उन्होंने कहा कि कास्त्रो के निधन से हुआ नुकसान केवल क्यूबा या एक खास विचारधारा तक ही सीमित नहीं है।

जारी भाषाकांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान में कहा ''निर्गुट आंदोलन के लिए उनका योगदान और विभिन्न मंचों पर भारत के मुद्दों के लिए उनका समर्थन हमेशा ही भारतीयों की स्मृतियों में रहेगा।

क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो को आज वाम दलों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन और भारत के गहरे मित्र थे।
कास्त्रो को ''प्रेरणा का स्रोत" बताते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि उन्होंने क्यूबा को एक बेहद पिछड़े देश से आगे बढ़ाकर आज इस मुकाम पर पहुंचाया है।

उन्होंने कहा, ''उन्होंने एक बेहद पिछड़े देश रहे क्यूबा को आज इस मुकाम पर पहुंचाया। साक्षरता, चिकित्सा विज्ञान में विकास के मामले में क्यूबा दुनिया की उच्च दर वाला देश है, जहां अमेरिका भी अपने चिकित्सकों को प्रशिक्षण के लिए भेजता है। वह क्रांति और प्रेरणा का विशाल स्रोत है और हमेशा बना रहेगा।

उन्होंने एक ट्वीट संदेश में कहा, ''एक युग का अंत। लेकिन फिदेल कास्त्रो जैसे क्रांतिकारी हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।

माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा, ''क्यूबा की क्रांति लातिन अमेरिका में सभी क्रांतिकारी एवं प्रगतिशील आंदोलनों के लिए प्रकाशस्तंभ बन गई और उसने वहां वाम को आगे बढ़ाया।

पार्टी ने कहा, ''फिदेल कास्त्रो तीसरे विश्व के देशों के लिए एक क्रांतिकारी व्यक्ति बन गए और उन्होंने युवा लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने गुट निरपेक्ष आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी।

आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक की केन्द्रीय समिति ने एक बयान में कहा कि उनके निधन से पार्टी ने एक सर्वोत्तम मित्र और मार्गदशक खो दिया है।

भाकपा ने एक बयान में कहा, ''फिदेल कास्त्रो ने आधुनिक और समाजवादी क्यूबा के निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई जो निरक्षरता, भूख और बीमारी से मुक्त है। कास्त्रो एक महान माक्र्सवादी चिंतक और एक महान क्रांतिकारी योद्धा थे।

पार्टी ने कहा, ''वह भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन और भारत के महान मित्र थे। उन्होंने गुट निरपेक्ष आंदोलन को एक नया स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर ''गहरा शोक" जताते हुए भाकपा ने कहा, ''उनका निधन ना सिर्फ क्यूबा के लिए बल्कि पूरी दुनिया तथा सभी क्रांतिकारियों के लिए अपूरणीय क्षति है।

भाकपा माले के महासचिव दिपंकर भट्टाचार्य ने भी क्यूबाई नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कास्त्रो को एक क्रांतिकारी नेता और सफल प्रशासक बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें 1978 में हवाना में विश्व युवा महोत्सव में कास्त्रो से मिलने का अवसर मिला था।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने एक बयान में कहा कि साम्राज्यवादी ताकतों से लड़ाई में कास्त्रो एक योद्धा के रूप में सामने आये। उन्होंने क्यूबा के निर्माण के लिए कठिन परिश्रम किया।

पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने भी क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर आज गहरा दुख व्यक्त किया।

अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा, '' हमने एक प्रतिष्ठित नेता खो दिया है जिसने विभिन्न संकटों को काबू करने में सफलता हासिल की और क्यूबा को विश्व के ताकतवर देशों में से एक बनाया।

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए आज कहा, ''मुझे उनके दिल्ली एवं हवाना, दोनों जगह 6-7 बार मिलने का सौभाग्य मिल चुका है....वह भारत के बहुत अच्छे मित्र थे। वह हमेशा बुरे..और अच्छे समय में साथ खड़े रहे।
भाषा



 

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