इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150वें शताब्दी वर्ष समारोह में पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ एक साथ मंच पर नजर आए।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कहा की इलाहाबाद हाईकोर्ट न्याय का तीर्थक्षेत्र है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे सीजीआई के शब्दों से पीड़ा महसूस हुई है। समारोह में शामिल होकर खुद को गर्वित महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि, कानून का मकसद सबका कल्याण करना होता है। कानून अमीरों का नहीं होता बल्कि गरीबों का होता है। कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार सीजीआई के संकल्पों के साथ है।
उन्होंने कहा कि 2022 के लिए देश सपना देखे और संकल्प तय करें। तकनीक की वजह से वकीलों का काम आसान हो गया। हमने 1200 कानून खत्म कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब केस की तारीख मिलने में दिक्कत नहीं आएगी।
एक एसएमएस से मुकदमों की तारीख मिल जाएगी। मोबाइल से केस की तारीख मिलने में अब कोई दिक्कत नहीं होगी। जेल और कोर्ट अगर जुड़ जाते हैं तो कैदी भाग नहीं पाएंगे। जेलर से कोर्ट जुड़ने चाहिए।
समारोह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, कानून का स्थान शासक से भी ऊपर होता है। न्याय व्यवस्था मजबूत और निष्पक्ष होने से प्रजातंत्र सफल होता है। कानून शासक से बड़ा होता है उसे शासकों का शासक कहा जाता है।
न्याय तभी स्थापित हो सकता है जब इसके साथ विधि हो। किसी देश की राजनीति पर उसकी न्याय व्यवस्था का असर होता है। लोकतंत्र पर जब संकट आया तब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च मापदंड स्थापित किए। लांबित मामलों को निबटाने का फैसला कोर्ट ने खुद लिया, यह सराहनीय है।
उधर मोदी का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक ने मोदी की अगुवानी की।
समारोह में देश के प्रधान न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर सहित कई प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश भी मौजूद रहे।
उधर समारोह शुरू होने से पहले ही पंडाल में शॉर्ट सर्किट से आग लगने से अफरातफरी मच गई। लोग कार्यस्थल पर सुबह से ही पहुंचे हुए थे। ऐसे में आग लगते ही वे घबरा गए। हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है।