लखनउ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को भ्रष्टाचार पर कडाई करने के मामले में ईमानदारी दिखाते हुए देश में पहले लोकपाल की नियुक्ति करनी चाहिए।
मायावती ने एक बयान में भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ‘लोकपाल’ की स्थापना और उस पद पर नियुक्ति के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को भ्रष्टाचार के विरूद्ध कडाई के मामले में अपनी ईमानदारी और नेक नीयत दिखाते हुए अब तत्काल देश में लोकपाल संस्था स्थापित करके प्रथम लोकपाल की नियुक्ति करनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि केन् की मोदी सरकार खुद को ईमानदार और बाकी को गलत एवं बेईमान जाहिर करने के लिए सत्ता के दुरूपयोग के साथ साथ नयी नयी साजिशें भी लगातार करती रहती है परंतु लोकपाल बनाकर संस्थागत आधार पर भ्रष्टाचार से सामूहिक तौर पर लडने के मामले में हमेशा कन्नी काटती रही है।
मायावती ने कहा कि इससे देश भर में सरकार की मंशा और ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक ही है और उसका निदान उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले के बाद अवश्य ही हो जाना चाहिए। यह देशहित में बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार अब अपनी जिद और अहंकार को छोडकर तत्काल उच्चतम न्यायालय के फैसले पर अमल करते हुए लोकपाल की नियुक्ति करे।’’ उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि 2013 का लोकपाल और लोकायुक्त कानून ‘‘व्यवहारिक’’ है और इसका क्रियान्वयन लटकाकर रखना न्यायसंगत नहीं है। -(एजेंसी)