मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के साथ बैठक के बाद शनिवार को राज्य के किसानों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली। मुख्यमंत्री ने किसानों से वादा किया है कि वह उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कई उपाय करेंगे।
मुख्यमंत्री ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था। उनके निमंत्रण पर पुंताम्बे गांव के किसानों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार रात मुख्यमंत्री से मिलने मुंबई पहुंचा।
चार घंटे चली बैठक के बाद फड़णवीस ने अपने ट्वीटर एकाउंट के जरिए फैसले के बारे में घोषणा की।
सहकारिता और विपणन राज्यमंत्री सदाभाउ खोट ने भी इस घटनाक्रम की पुष्टि की। किसान ऋण माफी और मुफ्त बिजली जैसी अपनी मांगों पर जोर देने के लिए एक जून से ‘हड़ताल’ पर थे।
फड़णवीस ने कहा कि हड़ताल वापस ले ली गई है और प्रदेश के खिलाफ अब आगे कोई हिंसक विरोध प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।
पुंताम्बे के किसानों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले संदीप गिद्दे ने शनिवार को बताया कि सीमांत किसानों का बकाया ऋण माफ कर दिया जाएगा। जरूरी कदम 31 अक्तूबर के बाद उठाए जाएंगे। किसानों के उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत की पेशकश को आपराधिक कार्य माना जाएगा तथा आरोप तय किए जाएंगे, ये वो मांगे हैं जिनके लिए प्रदेश सरकार सहमत हुई है।
बैठक में किसानों के विभिन्न संगठन और छोटे धड़ों ने भी भाग लिया। इस बीच किसानों के कुछ समूहों ने हड़ताल वापस लेने के फैसले से खुद को अलग रखा है।
राज्य सरकार ने कुछ और सुधार भी आगे बढ़ाने का वादा किया है। राज्य सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए दूध के दाम में संशोधन करने, कृषि लागत और मूल्य के लिए राज्यस्तरीय आयोग बनाने, डेयरी व्यावसाय पर नजर रखने के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षक की नियुक्ति सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर भी वादा किया है।
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने किसान अशोक मोरे के परिवार को वित्तीय सहायता देने पर भी सहमति जताई है। अशोक मोरे की एक जून को उस समय मौत हो गई थी जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को तितर बितर कर रही थी।