नई दिल्ली। लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के विषय पर चर्चा आगे बढ़ाने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई इसे थोप नहीं सकता लेकिन भारत एक विशाल देश होने के नाते चुनाव की जटिलताओं और आर्थिक बोझ के मद्देनजर सभी पक्षों को इस पर चर्चा करनी चाहिए ।
भाजपा मुख्यालय परिसर में पत्रकारों से दिवाली मिलन समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ चर्चाओं में ठहराव आ गया है । इन चर्चाओं को आगे बढ़ाने में मीडिया पहल करे तो अच्छा होगा ।
उन्होंने कहा कि इनमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने का विषय भी है। जितने भी दलों के लोगों से हम मिलते हैं तो व्यक्तिगत बातचीत के दौरान वे इसके पक्ष में बोलते हैं। मैंने भी इस विषय पर बोला है। पर लोग अभी इस बारे में मुखर नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक विशाल देश है। चुनाव होते हैं, आचार संहिता लग जाती है । चुनाव कराने के लिए एक राज्य में दूसरे राज्य से चुनाव पर्यवेक्षक भेजना होता है। आर्थिक बोझ तो पड़ता ही है।
मोदी ने कहा, ‘‘इस विषय पर लोकसभा एवं विधानसभाओं चर्चा तो होनी चाहिए । कोई इसे थोप नहीं सकता। थोपना भी नहीं चाहिए । लेकिन इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए । राजनीतिक दलों को भी इस पर चर्चा करनी चाहिए । ’’
उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद अगर यह ठीक लगे, करने जैसा हो, तो इस विचार को बल मिलेगा और न करने जैसा भी हो, तब भी चर्चा से बात सामने आएगी ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की विकास यात्रा में कुछ काम सरकार के फैसले के तहत होते हैं । देश में ज्यादातर सरकार के फैसले की चर्चा होती है लेकिन बहुत सारे काम जनता की शक्ति से बढ़ते हैं । जन शक्ति से चलने वाली चीजों ने विशिष्ट जगह बनाई है । मीडिया ने इसे आगे बढ़ाया है और देश में सकारात्मक सोच को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई कमियां नहीं रही होंगी ।
मोदी ने कहा कि जन शक्ति से आगे बढऩे वाली ऐसी पहल में स्वच्छता का विषय भी शामिल है । पहले इस विषय को इस रूप में स्थान नहीं मिला । कभी कभी कोई महामारी फैल जाए तो गंदगी के संदर्भ में इस विषय का जिक्र आता था । स्वच्छता अब जन जागरूकता और जन अभियान का रूप ले चुका है।