‘Iron Lady’ जयललिता के ‘Royal ’ अंदाज पर एक नजर

Samachar Jagat | Tuesday, 06 Dec 2016 10:09:50 AM
Lets look  at on  Iron Lady jaylalita royal look

नई दिल्ली। ग्लैमरस अभिनेत्री से राजनीति की ‘आयरन लेडी’ बनने तक का सफर तय करने वाली तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता का सोमवार रात को निधन हो गया। जयललिता के निधन से राज्य में शोक की लहर है। अपोलो हॉस्पिटल्स द्वारा जारी बयान के मुताबिक, हम बड़े दुख के साथ माननीय मुख्यमंत्री जयललिता के निधन की घोषणा करते हैं। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके) के मुताबिक, जयललिता के पार्थिव शव को राजाजी सभागार में रखा जाएगा। उनके निधन पर राज्य सरकार ने सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राज्य में तीन दिनों तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। जयललिता को बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत पर 22 सितंबर को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जयललिता हमेशा से अलग व्यक्तित्व वाली नेता रहीं। उनके जीने का अंदाज बिल्कुल अलग था। जी हां जयललिता बिना किसी की परवाह किए अपने तरीके से अपनी जिंदगी जीती रही थीं। उनकी शानो-शौकत देखकर लोग दंग रह जाते हैं। बताया जाता है जयललिता के पास 10 हजार से ज्यादा साडिय़ां और करीब 750 जोड़ी चप्पलें थीं।

हमेशा खाती थी घर का खाना

जयललिता के करीबी बताते हैं कि उनका हमेशा ही रॉयल अंदाज रहा है। जब वो फिल्मों में थीं तब भी उनके लिए खाना घर से आता था। वह अपने समय में सुपर स्टार थी। राजनीति में आने के बाद भी उनके रॉयल अंदाज में कोई परिवर्तन चेंज नहीं आया। आम लोग ही नहीं, बड़े-बड़े लोग उनके पैर छूते थे। तमिलनाडु के लोग जयललिता को भगवान मानते थे। जयललिता पर संकट आने पर तो कई लोगों की इतना आघात पहुंचा कि अपनी देह तक त्याग दी।

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जयललिता जहां-जहां, उनकी कुर्सी वहां-वहां

जयललिता को गठिया की समस्या थी, इसलिए उनके लिए सागौन की लकड़ी की बनी खास कुर्सी डिजाइन की गई थी। यह कुर्सी दिल्ली स्थित तमिलनाडु भवन में रखी है। दिल्ली दौरे के दौरान जयललिता जहां-जहां जाती थी, कुर्सी भी वहां-वहां ले जाई जाती थी। फिर चाहे यह विज्ञान भवन में होने वाली मीटिंग हो, संसद की लाइब्रेरी या फिर राष्ट्रपति भवन। दिल्ली में उनकी मुलाकात के कार्यक्रमों के बाद यह कुर्सी वापस तमिलनाडु भवन भेज दी जाती थी।

5 भाषाओं की धनी थी जयललिता

जयललिता को 5 भाषाएं आती थीं। वह अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में एक्सपर्ट थीं। इसी के साथ वे क्लासिकल डांस में भी एक्सपर्ट थीं। उन्होंने भारत में कई जगह क्लासिकल डांस की परफॉर्मेंस भी दी थी। उन्होंने 4 साल की उम्र से कर्नाटक संगीत भी सीखा था। उन्होंने अपनी कई फिल्मों में गाना भी गाया था।

दस हजार साडिय़ां और 750 जोड़ी जूते

जब जयललिता की कोठी पर छापा पड़ा था तो दस हजार साडिय़ां और 750 जोड़ी जूते अलमारियों में रखे मिले थे। कहा तो यह भी जाता है कि सभी जूते और चप्पले साडिय़ों के मैच के थे। हालांकि इस मामले ने राजनीति में भूचाल जरूर ला दिया था।

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गोद लिए बेटे की शादी पर 75 करोड़ रुपए खर्च

सितंबर, 1995 में जयललिता ने अपने गोद लिए हुए बेटे सुधाकरन की शादी की थी। उस समय इस शादी का खर्च 75 करोड़ रुपए आया था। इस शादी के लिए चेन्नई में 20 हेक्टेयर (50 एकड़) जगह का इस्तेमाल किया गया था। 1,50,000 लोग इस शादी में शामिल हुए थे। शादी के मंदिर से 5 किलोमीटर की दूरी तक सडक़ पर गुलाब के फूल बिछाए गए थे। इतना ही नहीं, इस शादी में खाने-पीने के इंतजाम पर ही 2 करोड़ रुपए का खर्चा आया था। इस वजह से ये शादी गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

राजनीति ही नहीं, एक्ट्रेस के तौर पर भी काफी लोकप्रिय

छह बार तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता को शुरुआती लोकप्रियता एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि ऐक्ट्रेस के तौर पर मिली थी। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट जयललिता ने कन्नड़, इंग्लिश और हिंदी भाषा की फिल्मों में काम किया। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि जयललिता के करियर की एकमात्र इंग्लिश मूवी एपिसल्स थी। 24 फरवरी 1948 को मैसूर के मंड्या जिले में एक परंपरागत तमिल ब्राह्मण परिवार में जयललिता का जन्म हुआ था। जन्म के समय जयललिता को उनकी दादी का नाम कोमलावल्ली दिया गया।

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