नरेंद्र बंसी भारद्वाज
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जो कि 26 जनवरी 1950 के दिन लागू किया गया। इसी दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते आए है तो आइए जानते है हमारे संविधान के बारे में कुछ रोचक तथ्य व इतिहास....
दुनिया का सबसे बड़ा संविधान होने का गौरव हमारे संविधान को प्राप्त है। इसमें 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियां है। इसकी विशालता के कारण इसे वकीलों का स्वर्ग कहा जाता है।
भारतीय गंणतंत्र को मांउटबेटन योजना की अनुशंसा पर ब्रिटिश संसद द्वारा भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 द्वारा 18 जुलाई 1947 को ब्रिटेन की महारानी कि स्वीकृति के बाद स्वतंत्रता मिली। इसके लिए एक संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन किया गया। इसमें कुल 389 सदस्यों का प्रावधान था। इसमें से 292 स्थान, 11 ब्रिटिश प्रांतों की संविधान सभाओं से, 93 स्थान भारतीय रियासतों से 4 स्थान चीफ कमिश्नरी प्रांतों के लिए आरक्षित थे। प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि का चुनाव किया गया।
संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव एकल सक्रमणीय मत से आनुपातिक प्रतिनिधितत्व के आधार पर हुआ। भारत के विभाजन के बाद भारतीय संविधान सभा में 299 सदस्य शेष बचे। भारतीय संविधान का पहला अधिवेशन 9 दिसम्बर 1946 को संसद के केंद्रिय कक्ष में हुआ। जिसमें सचिदानंद सिंहा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष और एचसी मुखर्जी को उपाध्यक्ष चुना गया। जय प्रकाश नारायण तथा तेज बहादुर सप्र्रु स्वास्थ्य कारणों से संविधान सभा में शामिल नहीं हुए।
संविधान सभा ये तीन चरण हुए।
प्रथम चरण- 6 दिसंबर 1946 से 14 अगस्त 1947 तक (कैबिनेट मिशन योजना के तहत)
द्वितीय चरण- 15 अगस्त 1947 से 26 नवंबर 1949 संविधान सभा( समप्रभुता सम्पन्न निकाय तदर्थ संसद) के रूप में।
तृतीय चरण- 27 नवंबर 1949 से मार्च 1952 तक (तदर्थ संसद) के रूप में।
संविधान सभा ने संविधान निमार्ण के लिए 23 समीतियों का गठन किया जिसमें 8 बड़ी तथा अन्य छोटी समीतियां थी। संविधान की सबसे महत्वपूर्ण समिति प्रारूप समीति थी। जिसका गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ। यह 7 सदस्य समिति थी। जिसके अध्यक्ष डॉक्टर बीआर अम्बेडकर सहित एन गोपाला स्वामी आयंगर, अलादी कृष्ण स्वामी अय्यर, डॉक्टर केएम मुंशी, मोहम्मद सादुला, एन माधव राव, टीटीकृष्णामाचारी सदस्य थे। भारतीय संविधान के प्रथम प्रारूप का संस्करण फरवरी 1948 में और दूसरा अक्टूबर 1948 में प्रकाशित हुआ।
संविधान के प्रारूप पर 114 दिन विचार विमर्श हुआ। इस दौरान इसके तीन वाचन हुए। प्रथम वाचन 8 जनवरी 1949, द्वितीय वाचन 16 नवंबर 1949 एंव तृतीय 26 नवंबर 1949 को हुआ। संविधान को पारित करते समय संविधान सभा के 299 सदस्यों में से 284 सदस्य उपस्थित थे जिन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए।
जिसके बाद सदस्यों ने राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत के गायन के साथ संविधान सभा का समापन करते हुए देश के लिए संविधान को अंगीकृत कर लिया। संविधान निर्माण का कार्य 11 अधिवेशनों में हुआ तथा इसमें कुल 165 दिन सभाए हुई। पूरे संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा। संविधान निर्माण के लिए 60 देशों के संविधान का अध्ययन किया गया। सम्पूर्ण संविधान निर्माण के प्रारूप में 7 हजार संसोधनों के लिए नोटिस मिले थे लेकिन 2473 संसोधन ही प्रस्तुत किए गए। संपूर्ण संविधान निर्माण में 63, 96,729 लाख रूपये खर्च हुए।
भारतीय संविधान के स्त्रोत
भारत शासन अधिनियम- संघीय तंत्र, राज्य पाल का पद एंव कार्यालय, न्यायपालिका , लोक सेवा आयोग समेत कुल 395 अनुच्छेदों में से 280 अनुच्छेद।
अमेरिका का संविधान- उद्देशिका, मौलिक अधिकार, उपराष्ट्रपति, न्यायिक पुनर्विलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, उच्च व उच्चतम न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने कि विधि, न्यायिक पुनरीक्षण, वितिय आपातकाल, राज्यसभा की अवधि, प्रस्तावना का शब्द वी द पीपल हम भारत के लोग।
ब्रिटिन का संविधान- संसदीय शासन प्रणाली, एकल नागरिकता, विधि के समक्ष समता, विधि का शासन, राष्ट्रप्रधान के रूप में राष्ट्रपति की औपचारिक स्थिति, एकीकृत नौकर शाही।
आयरलैंड का संविधान- नीति निर्देशक तत्व, राष्ट्रपति निर्वाचन प्रणाली, राज्यसभा में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का मनोनयन।
फ्रांस का संविधान- गणतंत्रतात्मक शासन प्रणाली।
जर्मनी का वाइमर संविधान- आपातकालीन उपबंध ।
कनाडा का संविधान- संघीय शासन व्यवस्था, शक्तिशाली केंद्र सरकार।
आस्ट्रेलिया का संविधान- प्रस्तावना, संसद का संयुक्त अधिवेशन, केंद्र व राज्यों में शक्तियों का विभाजन, समवर्ती सूची।
दक्षिण अफ्रीका का संविधान- संविधान संसोधान की प्रक्रिया, राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव।
जापान का संविधान- विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
पूर्व सोवियत संघ का संविधान- मौलिक कर्तव्य ।