आज तक आप ने सुना होगा की कोर्ट में न्यायाधीश अपराधियों को सजा सुनाते आए है, लेकिन शुक्रवार को एक नया मामला सामने आया है जहां सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
साथ ही 10 हजार रुपये का पर्सनल बॉन्ड भी भरने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता की पुलिस को ऑर्डर दिया है कि वे कर्णन को 31 मार्च से पहले पेश करें।
जस्टिस कर्णन अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद न तो पेश हुए और न ही कोई जवाब दिया।
उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ लोगों को पत्र लिखकर कई तरह के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस कर्णन को अवमानना नोटिस जारी किया था।
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि जस्टिस कर्णन ने 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में फैक्स भेजकर चीफ जस्टिस और जजों से मीटिंग की अपील की थी। लेकिन इसे जवाब नहीं माना जा सकता। फैक्स में कर्णन ने यह भी कहा कि उन्हें प्रशासनिक कामों की इजाजत दी जाए।
न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब हाईकोर्ट के मौजूदा जज को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने अवमानना नोटिस जारी किया है। पहली बार ऐसा होगा जब हाई कोर्ट के मौजूदा जज सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने अवमानना के मामले में पेश होंगे।