जम्मू-कश्मीर: आतंकी जुनैद मारा गया

Samachar Jagat | Thursday, 08 Dec 2016 01:44:35 PM
Jammu and Kashmir fire between terrorists and security forces starts in arwani

श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के हुसैनपोरा अरवनी में गुरुवार की सुबह एक बार फिर गोलियों की आवाज से गूंज उठा। दोबारा गोलियां उस समय हुई जब एक मकान में छिपे दो आतंकियों को मार गिराने के लिए जवानों ने घेराबंदी का दायरा तंग करते हुए तलाशी अभियान दोबारा शुरू किया। मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए हैं जिनमें से एक की पहचान जुनैद उर्फ तौसीफ के रूप में हुई है। वह चार जून को अनंतनाग के केपी रोड पर हुए हमले में भी शामिल था। इस हमले में दो पुलिसकर्मी भी मारे गए थे।

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मोबाईल सेवाएं बंद
हुसैनपोरा कुलगाम में मुठभेड को लेकर पैदा हुए कानून व्यवस्था के संकट को देखते हुए प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर में मोबाईल सेवाएं बंद करने के बाद अब बडगाम से बनिहाल तक रेलसेवा को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया है। मुठभेड में जुनैद के मारे जाने की पुष्टि होने और जरगर व दुजानो के फंसे होने की खबरो से फैले तनाव को देखते हुए प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम में मोबाईल सेवा को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि जुनैद के साथ दो से तीन आतंकी और थे। दो मारे गए हैं। एक ही शव मिला है। अभी अभियान जारी है।

लश्कर का स्थानीय कमांडर फंसा
संबधित अधिकारियों ने बताया कि हुसैनपोरा में लश्कर का स्थानीय कमांडर माजिद जरगर उर्फ गनई उर्फ तल्हा फंसा है। पहले बताया जा रहा था कि उसके साथ लश्कर कमांडर अबू दुजाना भी है, लेकिन अब कहा जा रहा है कि दुजाना गत शाम को ही घेराबंदी तोड भाग निकला था। खबर की पुष्टि मुठभेड़ समाप्त होने के बाद ही की जा सकती है।

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गौरतलब है कि अबु दुजाना वादी में गत चार वर्षों से सक्रिय है। वह अगस्त 2015 में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीएसएफ काफिले पर हुए हमले की साजिश में भी शामिल था और अबु कासिम के मारे जाने के बाद लश्कर ने उसे दक्षिण कश्मीर की कमान सौंपी थी। जुलाई में आतंकी बुरहान के जनाजे में भी वह शामिल हुआ था और उसके बाद 31 जुलाई को भी वह करीमाबाद पुलवामा में आयोजित एक भारत विरोधी रैली में शामिल हुआ था।

10 लाख का ईनाम
अक्टूबर 2015 से सितंबर 2016 तक श्रीनगर से अनंतनाग तक जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाबलों पर अधिकांश हमलों का वही मुख्य सूत्रधार रहा है। श्रीनगर के निकट स्थित इडीआई परिसर पर इस साल हुए दो आत्मघाती हमलों की योजना भी उसने ही तैयार की थी। श्रीनगर जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुजाना द्वारा रचे गए आतंकी हमलों में लगभग 20 सुरक्षाकर्मी एक साल में मारे गए हैं। गिलगित बाल्टिस्तान का रहने वाले दुजाना के जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर 10 लाख का ईनाम है।

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