नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ.महेंद्र नाथ पांडेय ने आज जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को तहजीब और प्रौद्योगिकी का खूबसूरत गुलदस्ता बताते हुए कहा कि संस्कृति और एकता ही भारत को दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाती है।
डॉ. पाण्डेय ने जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि कुरान शरीफ ने भी पुरूष और स्त्री की शिक्षा पर जोर दिया है और पैगम्बर ने भी शिक्षा को महत्व दिया है। दरअसल तालीम जिन्दगी का सबसे खूबसूरत नगमा है। उन्होंने एक शेर सुनाते हुए कहा कि इल्म से आदमी को न केवल इज्जत मिलती है बल्कि वही उसकी दौलत है और इल्म बांटने से कम भी नहीं होती।
बनारस हिन्दू विश्विद्यालय (बीएचयू) से हिन्दी में पीएचडी करने वाले डॉ. पांडेय ने कहा कि देश की संस्कृति, एकता और तहजीब ही भारत को दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाती है लेकिन पारंपरिक ज्ञान के साथ आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी साथ लेकर चलने की जरूरत है और जामिया ने दोनों को मिलाकर खूबसूरत गुलदस्ता पेश किया है जो एक उदाहरण है। एक तरफ उसने संस्कृत विभाग खोलने की पहल की है तो दूसरी तरफ नवाचार को भी बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि देश में कुछ विश्वविद्यालय आकाादी से पहले खुले तो कुछ आकाादी के बाद में खुले। इन दोनों तरह के विश्वविद्यालयों में काफी अंतर है। आकाादी से पहले खुले विश्वविद्यालयों का एक मकसद यह भी था कि हमारी तहजीब के हिसाब से देश कैसे आगे बढे, इस ²ष्टि से जामिया और बीएचयू का अहम स्थान है। उन्होंने यह भी कहा कि इल्म वह नहीं जो आपने उससे सीखा है बल्कि इल्म वह है जो अमल और किरदार से जाहिर होता है।