अहमदाबाद/राजकोट। खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से कथित तौर पर जुड़े तथा गुजरात में कुछ आतंकी हमले के प्रयास कर चुके दो सगे भाईयों, जो सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) से जुड़े एक अंपायर के बेटे हैं और जिनको राज्य पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते यानी एटीएस ने दो दिन पूर्व राजकोट और भावनगर से गिरफ्तार किया था, दोनों ने अदालत में स्वीकार किया कि वह बम बना कर इसे कुछ स्थानों पर रखना चाहते थे।
एटीएस ने आज उन्हें राजकोट की एक अदालत में पेश किया जहां वकीलों के अभाव में दोनो को खुद ही अपनी बात रखनी पड़ी। उनकी तरफ से कोई भी स्थानीय वकील आज पेश होने के लिए तैयार नहीं था। अदालत ने उन्हें आगे की पूछताछ के लिए 12 दिन के लिए यानी 10 मार्च तक पुलिस हिरासत में देने को मंजूरी दे दी।
वसीम रामोडिया और उसके छोटे भाई नईम रामोडिया के खिलाफ फांसी और उम्रकैद जैसी कड़ी सजा का प्रावधान करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 121 यानी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेडऩे अथवा ऐसी गतिविधि को बढ़ावा देने तथा 120 बी यानी आपराधिक षडयंत्र समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उनके पास से बरामद सामग्रियों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। एटीएस उनके हैंडलर की धरपकड के प्रयास कर रही है। दोनो के के पास से बारूद तथा नकाब और कम्प्यूटर आदि बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही आईएसआईएस से जुड़ा साहित्य तथा बम बनाने की प्रक्रिया से जुड़ी ऑनलाइन जानकारी और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज की डाउनलोड की गई साफ्ट प्रतियां बरामद की गई हैं।
एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी जे के भट्ट ने कहा कि उनके तार इराक और सीरिया तक पहुंचे थे। उधर एटीएस के डीएसपी बी एच चावडा ने अहमदाबाद में पत्रकारों को बताया कि क्रिकेट अंपायर तथा सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से हाल में सेवनिवृत्त हुए राजकोट निवासी आरिफ रामोडिया के बड़े बेटे वसीम को राजकोट से तथा छोटे बेटे नईम को भावनगर से पकड़ा गया।
दोनो की फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर गतिविधियों के चलते आईएसआईएस से उनके जुड़ाव का पता चला तथा पिछले तीन माह से ही उन पर एटीएस नजर रख रही थी। नईम ने बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन यानी बीसीए की पढाई की थी जबकि वसीम अलंग में शिपब्रेकिंग यार्ड से जुड़े रोजगार में था। दोनो को अहमदाबाद से गई एटीएस की टीमों ने पकड़ा।
दोनो से आगे पूछताछ की जा रही है। दोनो ने अकेले ही लोगों को मारने और गाडिय़ों जलाने आदि जैसी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का असफल प्रयास भी किया था तथा उनकी आगे भी ऐसी योजना थी। वे दो तीन साल पहले ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर आईएसआईएस से जुड़े लोगों की संपर्क में आने के बाद उनसे प्रभावित हुए थे।
पिछले कुछ समय से वह काफी गंभीर हो गए थे और इसीलिए उनकी धरपकड़ करनी पड़ी। चावड़ा ने बताया कि वसीम की पत्नी भी इस मामले में संलिप्त है। ज्ञातव्य है कि गुजरात पुलिस ने तीन दिन पूर्व ही राजकोट में महाराष्ट्र से आई एक बस से दाउद इब्राहिम गिरोह के चार बदमाशों को पकड़ा था जो जामनगर के एक व्यवसायी की हत्या के लिए आए थे। उन्हें भी 12 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।