क्या ईवीएम के साथ सच में हो सकती है छेड़छाड़? पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...

Samachar Jagat | Tuesday, 14 Mar 2017 01:27:42 PM
is EVM machines really can be tampered with Read detailed report

देश के पांच राज्यों में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों के दौरान तीन शब्द सर्वाधिक चलन में रहे। पहला यूपी चुनाव, दूसरा प्रधानमंत्री मोदी और तीसरा ईवीएम। आप सोच रहे होंगे कि पहला और दूसरा तो ठिक लेकिन ये ईवीएम का जिक्र क्यूं? 

ईवीएम का जिक्र यहां इसलिए करना पड़ा क्यूंकि जैसे ही चुनाव परिणाम सामने आए विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने ईवीएम मशीन को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। विरोधियों ने आरोप लगाया कि केन्द्र के इशारे पर ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की गई जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए। 

ईवीएम पर ऊंगली उठाने वालों में बसपा सुप्रीमो मायावती का नाम पहले नंबर पर रहा। इसके बाद यह फेहरिस्त बढ़ती चली गई। कांग्रेस और उसके बाद सपा और फिर आप। एक-एककर कई दिग्गज नेता ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ का शगूफा छेड़ चुके हैं। 

लगातार आक्षेपों के बाद चुनाव आयोग को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। इस बीच हमने इस मसले पर पड़ताल की। यह जानने का प्रयास किया की क्या सच में ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है? पेश है एक रिपोर्ट... 

वोटिंग से पहले होती से सघन जांच:


वोटिंग प्रक्रिया शुरु होने से पूर्व ईवीएम की सघनता से जांच की जाती है। जांच से पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही ईवीएम को वोटिंग हेतु रखा जाता है।

मतदान से पहले होती 'मॉक पोलिंग':
ईवीएम ठिक से काम कर रही या नहीं इसके लिए मतदान शुरु होने से पहले 'मॉक पोलिंग' की जाती है। ताकि यह जांचा जा सके की मशीन ठिक से काम कर रही है या नहीं। 

वोटिंग के दिन मतदान शुरू करने से पहले मतदान केन्द्र की पोलिंग पार्टी द्वारा सभी उम्मीदवारों के मतदान केन्द्र प्रभारी के सामने मतदान शुरू करने से पहले 'मॉक पोलिंग' की जाती है। इस दौरान सभी मतदान केन्द्र प्रभारियों को मशीन में वोट डालने को कहा जाता है। 

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ये जांचा जा सके कि सभी उम्मीदवारों के पक्ष में वोट गिर रहा है कि नहीं। ऐसे में यदि किसी मशीन में टेंपरिंग या तकनीकि गड़बड़ी होगी तो मतदान के शुरू होने के पहले ही पकड़ ली जाएगी और उसे दुरुस्त किया जा सकेगा।

ईवीएम नहीं हो सकती हैक:
ईवीएम में इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता, इसलिए इसे ऑनलाइन होकर हैक करने का सवाल ही नहीं उठता। 

एक दिन पहले तय होता है कहां जाएगी ईवीएम:
कौनसे पोलिंग बूथ पर कौनसी ईवीएम जाएगी, ये सब चुनाव के एक दिन पहले तय होता है। इस प्रक्रिया को 'रैंडमाइजेसन की प्रक्रिया' कहते हैं। प्रक्रिया के तहत सभी ईवीएम को पहले लोकसभा वार फिर विधानसभा वार और सबसे अंत में बूथवार निर्धारित किया जाता है।

पोलिंग पार्टी को एक दिन पहले डिस्पैचिंग के समय ही पता चल पाता है कि उसके पास किस सीरिज की ईवीएम आई। अर्थात अंत समय तक पोलिंग पार्टी को ही पता नहीं रहता कि उनके कौनसी ईवीएम आने वाली है।

ईवीएम में होती है तीन मशीनें:
सामान्य तौर पर ईवीएम में दो मशीने होती है। पहली बैलट यूनिट और दूसरी कंट्रोल यूनिट। आजकल इसमें एक तीसरी यूनिट वीवीपीएटी को भी जोड़ दिया गया है।

यह सात सेकंड के लिए मतदाता को एक पर्ची दिखाता है जिसमें ये उल्लेखित रहता है कि मतदाता ने अपना वोट किस उम्मीदवार को दिया। ऐसे में उम्मीदवार बूथ पर ही आश्वस्त हो सकता है कि उसका वोट सही पड़ा है कि नहीं।

मतदाता के अलावा मशीन तक कोई नहीं जा सकता:


वोटिंग शुरू होने के बाद मतदान केन्द्र में ईवीएम के पास मतदाताओं के अलावा मतदानकर्मी तक नहीं जा सकते। ये भी ईवीएम के पास तभी जा सकते है जब मशीन में बैट्री डाउन या कोई अन्य तकनीकि समस्या उजागर हुई हो। 

प्रत्येक मतदान केन्द्र में एक रजिस्टर बनाया जाता है। इस रजिस्टर में मतदान करने वाले मतदाताओं की सम्पूर्ण जानकारी अंकित रहती है। रजिस्टर में जितने मतदाता की डिटेल अंकित होती है, उतने ही मतदाताओं की संख्या ईवीएम में भी होती है। काउंटिंग वाले दिन इनका आपस में मिलान मतदान केंद्र प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर होता है.

कोर्ट में आज तक ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हुई सिद्ध:
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम छेड़छाड़ से संबंधित आजतक जितने भी मामले पहुंचे उनमें से एक में भी यह सिद्ध नहीं हो सका की ईवीएम से छेड़छाड़ हुई है। 

यहां तक कि चुनाव आयोग भी आम लोगों को आंमत्रित करता है कि लोग आयोग कार्यालय में जाकर ईवीएम की तकनीक को गलत साबित करके दिखाएं। लेकिन आज तक कोई भी दावा सही सिद्व नहीं हो सका। 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.