हैदराबाद। अमेरिका में नस्ली हमले में मारे गए भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कोचीभोतला का शव सोमवार रात यहां पहुंच गया। हवाईअड्डे से उनका शव उनके बाचूपल्ली स्थित आवास पर ले जाया गया। इसकी पूरी व्यवस्था भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से की गई।
वह अमेरिका के ओलाथे के गारमिन मुख्यालय में काम करते थे। बुधवार (24 फरवरी) रात हुए हमले में वह मारे गए जबकि उनके साथी आलोक मदासानी घायल हो गए थे। हमलावर से भारतीयों को बचाने के दौरान एक अमेरिकी नागरिक इयान ग्रिलोट भी घायल हो गए थे। चश्मदीदों के मुताबिक हमलावर शख्स गोली चलाने के दौरान बस यही चिल्ला रहा था कि मेरे देश से निकल जाओ।
जानकारों के अनुसार हमला करने वाले शख्स ने नस्ल भेद के चलते ये हमला किया। उसे लगा कि श्रीनिवास मीडिल ईस्ट के हैं। इसीलिए उसने ये हमला किया। अमेरिकी पुलिस के मुताबिक हमलावर शख्स को पकड़ लिया गया है और पूरे ममले की जांच एफबीआई के साथ मिलकर की जा रही है। भारतीय इंजीनियर की हत्या पर केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी घटना की निंदा की है। उन्होंने घटना पर हैरानी जताते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं।
बता दें कि भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला ने साल 2005 में जवाहर लाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनयरिंग में डिग्री ली थी जबकि उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस अल पासो से हासिल की थी। कुचिभोटला ने वर्तमान कंपनी में जॉइन करने से पहले भी कई अन्य अमेरिकी कंपनियों में काम किया था। कुचिभोटला वर्तमान में गार्मिन इंटनेशनल नाम की कंपनी में काम कर रहे थे। वे कंपनी के चॉपर प्रोग्राम से जुड़े थे।