नई दिल्ली। भारतीय नागरिक कुलभूषण को पाकिस्तान की और से सुनाई गई फांसी की सजा के बाद लोगों ने पाकिस्तान का विरोध करना शुरू कर दिया है। लोग सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे है।
भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कानून और न्याय के मूलभूत नियमों को अनदेखा करते हुए दी गई मौत की सजा को अगर पाकिस्तान तामील करता है तो यह सुनियोजित हत्या होगी।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर बेहद कड़े शब्दों का डिमार्शे दिया जिसमें कहा गया है कि जिस कार्यवाही के आधार पर जाधव को यह सजा दी गई है वह हास्यास्पद है और उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है।
जाधव मामले पर पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि पिछले साल ईरान से उनका अपहरण किया गया था और पाकिस्तान में उनकी मौजूदगी के बारे में कभी कोई विश्वसनीय विवरण नहीं दिया गया।
डिमार्शे के मुताबिक भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिए वाणिज्य दूतावास को जाधव तक संपर्क देने की मांग की और 23 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 अनुरोध औपचारिक तरीके से किए गए लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी।
आईएसपीआर की विज्ञप्ति में किया गया दावा कि जाधव को कथित मुकदमे के दौरान बचाव अधिकारी मुहैया करवाया गया यह भी इस हालात में पूरी तरह बेतुका लगता है।
इसमें आगे कहा गया, भारतीय नागरिक को कानून और न्याय के मूलभूत नियमों को अनदेखा करते हुए सुनाई गई यह सजा तामील की जाती है तो भारत की सरकार और जनता इस मामले को सुनियोजित हत्या करार देगी।
जाधव को कथित तौर पर ईरान से प्रवेश करने के बाद पिछले वर्ष तीन मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अशांत बलुचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था।
पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रॉ में तैनात भारतीय नौसेना का सेवारत अधिकारी है। जाधव की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की सेना ने उनके कबूलनामे का वीडियो जारी किया था।
भारत ने यह स्वीकार किया था कि जाधव नौसेना में काम कर चुके थे लेकिन सरकार के साथ उनके किसी भी तरह के संपर्क से इनकार किया है।