नई दिल्ली। केंद्र में सत्ता में आने के बाद पिछले ढाई वर्षो में देशवासियों की आशा आकांक्षाओं को पूरा करने के अपने प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दो वर्षो तक व्यापक सूखे और सत्ता संभालने से पहले ब्रिक्स देशों में भारत के लुढक़ने की परिस्थितियों के बाद आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘चमकता सितारा’ बनकर उभरा है।
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अवैध वित्तीय गतिविधियों को ‘सबसे बड़ा धब्बा’ करार देते हुए कहा कि पिछले ढाई वर्षो में उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार और कालाधन पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं । सरकार के प्रयासों से भ्रष्टाचार के संदर्भ में भारत वैश्विक रैंकिंग में 100वें स्थान से अपनी स्थिति बेहतर बनाकर 76वें स्थान पर आ गया है।
मोदी ने कहा, ‘‘ यह हमारे देश में भ्रष्टाचार के फैले जाल को दर्शाता है । भ्रष्टाचार की इस बीमारी के कारण कुछ लोगों को फलने फूलने का मौका मिला । कुछ लोगों ने अपने पदों का दुरूपयोग करके फायदा उठाया । और दूसरी ओर ईमानदार जनता प्रभावित होती रही । ’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मई 2014 में हमें देश की जनता ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी । तब ब्रिक्स देशों में ‘आई’ यानि इंडिया या भारत लुढक़ रहा था।
लगातार 2 वर्षो तक देश में अकाल की स्थिति थी। इसके बाद भी पिछले ढाई वर्षो में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के चमकते सितारे के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। ’’ उन्होंने कहा कि विकास की इस दौड़ और गरीबी के खिलाफ लडाई में हमारा मूल मंत्र है... सबका साथ, सबका विकास ।
यह सरकार गरीबों के लिए समर्पित है और गरीबों के लिए काम करेगी । मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट, आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए। कौन ऐसा नागरिक है जो भ्रष्टाचार को स्वीकार कर सकेगा और जिसे भ्रष्टाचार के कारण तकलीफ नहीं होगी।