हर भारतीय चैन की नींद इसलिए सो पाता है क्यूंकि हमारे जवान सरहद पर डटे रहकर हमारी रक्षा करते हैं। लेकिन लगता है अब जवानों का उत्साह देश सेवा से कम हो रहा है। यही वजह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल वीआरएस(स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वालों की संख्या में 400 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है।
बुधवार को सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि अर्धसैनिक बलों मेें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामलों में पिछले साल के मुकाबले 2016-17 में 400 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि हालांकि ये इस्तीफे 'व्यक्तिगत पसंद' होते हैं।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे बलों से पिछले तीन साल में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वालों की संख्या 2016-17 के दौरान सर्वाधिक 9,065 है।
मंत्री ने बताया कि 2014-15 के दौरान यह संख्या 5,289 रही, वहीं 2015-16 के दौरान यह कम होकर 2,105 हो गई।
रिजीजू ने बताया कि नवीनतम साल 2016-17 में इस तरह के सर्वाधिक मामले बीएसएफ 4,274 से हैं। इसके बाद सीआरपीएफ से 3,280 तथा सीआईएसएफ से 765 मामले हैं।