हैदराबाद। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स मंत्री रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था अगले पांच साल में एक हजार अरब डॉलर के आंकड़े को प्राप्त कर लेगी। इसके अलावा सरकार के सुशासन और तेज आपूर्ति के प्रयासों से घरेलू मांग बढ़ेगी और यह सब आईटी उद्योग के लिए असीम संभावनाओं से भरा होगा।
मौजूदा समय में आईटी उद्योग में छायी सुस्ती चिंता का विषय है के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि इन आशंकाओं को दूर किया जाना चाहिए क्योंकि भारतीय आईटी निर्यात अपने उच्चतम स्तर 100 अरब डॉलर पर पहुंच गया है और घरेलू कंपनियों की विश्व के 80 देशों के 200 शहरों में मौजूद हैं।
प्रसाद ने कहा कि इन सभी ‘डिजिटल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहलों को इस तरह तैयार किया गया है कि देश के आईटी माहौल को मजबूत बनाया जा सके और इससे सुशासन एवं त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित हों जिससे नए अवसरों का निर्माण हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार देश मे इलैक्ट्रानिक विनिमार्ण को तेज करने के लिए प्रयासरत है और पिछले एक साल में करीब 40 मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां इस देश में आई हैं जो 11 करोड़ फोनों का विनिर्माण कर रही हैं। इन्होंने देश में करीब 40,000 प्रत्यक्ष और 1.25 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगारों को जन्म दिया है।
प्रसाद ने कहा कि सरकार ने ई-बैंक, ई-भुगतान, ई-मंडी और अन्य डिजिटल आपूर्ति सुविधाओं के संवद्र्धन पर ध्यान दिया है। इससे भी डिजिटल सेवाओं की घरेलू मांग बढ़ेगी।