जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने लोन फर्जीवाडे मामले में फंसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एस आर मोहंती के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर आर्थिक अन्वेषण व्यूरो (ईओडब्ल्यू) को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार नये सिरे से जांच करने के निर्देश दिए हैं।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस के गंगेले और न्यायाधीश ए के श्रीवास्तव की युगलपीठ ने कल इस मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा की गई जांच को खारिज कर दिया। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार ईओडब्ल्यू याचिकाकर्ता के खिलाफ जल्द से जल्द नए सिरे से जांच शुरु करे।
आईएएस मोहंती की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2004 में उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने मप्र राज्य औद्योगिक उद्योग विकास निगम में कंपनियों को दिए गए लोन के मामले में उनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू उनके साथ निगम के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया गया था। जिसके खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
उच्च न्यायालय ने वर्ष 2006 में उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण को निरस्त कर दिया था, जिसके खिलाफ जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2011 में ईओडब्ल्यू को तीन माह में नए सिरे से जांच करने के निर्देश दिए थे।
आवेदक का कहना है कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई नही की जा रही, जो अवैधानिक है। याचिका पर युगलपीठ ने सात फरवरी को दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिखा था।