नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक बल के तौर पर तैनात जवानों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यौन उत्पीडऩ में कोई माफी नहीं दी जाएगी। केंद्रीय बलों को इस गंभीर मुद्दे पर मंत्रालय द्वारा इस तरह की सख्त चेतावनी जारी करने का यह अपनी तरह का पहला मामला है।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों द्वारा कथित तौर पर हैती में करीब 10 साल तक बाल यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद विश्व संस्था ने एक एडवाइजरी जारी की थी जिसके बाद मंत्रालय का यह निर्देश सामने आया। इसमें यौन शोषण पर बर्खास्तगी और कैद तक की चेतावनी दी गई है ।
अधिकारियों के मुताबिक, कहीं से भी ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया जहां संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक ड्यूटी पर तैनात किसी भी भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान या अधिकारी की यौन शोषण में भूमिका सामने आई हो।
हालांकि एक एहतियाती उपाय के तहत मंत्रालय ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी प्रमुखों को निर्देश दिया कि वह ये सुनिश्चित करें कि संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले काम करने वाला हर भारतीय जवान वैश्विक संगठन द्वारा यौन उत्पीडऩ और शोषण के खिलाफ ‘नो एक्सक्यूज’ पॉकेट कार्ड रखे।
पॉकेट कार्ड कहता है, हर वक्त हमें स्थानीय आबादी को सम्मान और गरिमा के साथ देखना चाहिए। यौन उत्पीडऩ और शोषण अस्वीकार्य व्यवहार है और संयुक्त राष्ट्र और उससे जुड़े कर्मियों के लिये निषिद्ध आचरण है।