इलाहाबाद। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के पुत्र पर पिछले दिनों हाथरस में हुये जानलेवा हमले के दौरान एक व्यक्ति की मृत्यु के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज उत्तर प्रदेश सरकार सरकार से जांच की प्रगति रिपोर्ट तलब की है।
मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने मृतक पुष्पेन्द्र के पिता रामश्री वर्मा की याचिका पर यह आदेश दिया। न्यायालय ने राज्य सरकार और जांच अधिकारी से अभियुक्त की गिरफ्तारी के बारे में पूछा है। शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार के दवाब में आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय मामले की जांच अपराध शाखा के सुपुर्द कर दी गयी। मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च को होगी।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री व बसपा नेता रामवीर उपाध्याय के बेटे चिरागवीर उपाध्याय पर आठ फरवरी को हाथरस में उस समय जानलेवा हमला हुआ था जब वह सहपऊ के गांव मानिकपुर में चुनाव प्रचार कर रहे थे। यहां रामवीर व सादाबाद के मौजूदा विधायक व सपा प्रत्याशी देवेंद्र अग्रवाल के समर्थकों में झगड़ा हुआ। इस दौरान चिराग पर गोली चलाई गई, जो उनके समर्थक पुष्पेंद्र निवासी जारऊ हाल निवासी सलेमपुर रोड सादाबाद के पेट में लग गई। पुष्पेंद्र को गंभीर अवस्था में सादाबाद से आगरा रेफर किया गया जहां उसने दम तोड दिया।
इस मामले में सपा विधायक देवेन्द्र अग्रवाल और 11 अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि सत्तारूढ पार्टी के विधायक के दवाब में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। -(एजेंसी)