नई दिल्ली। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने में अभी देर नजर आ रही है क्योंकि कांग्रेस आलाकमान के संगठनात्मक चुनाव और आगे टालने की संभावना है जिसे पहले एक वर्ष की अवधि के लिए इस दिसम्बर के अंत तक टाला गया था।
कांग्रेस कार्य समिति सीडब्ल्यूसी की कल होने वाली बैठक में राहुल गांधी को पदोन्नत किये पर कोई निर्णय लिये जाने की उम्मीद नहीं है। पार्टी के भीतर एक वर्ग का मानना है कि ऐसा उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव के बाद ही किया जाना चाहिए।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि संगठनात्मक चुनाव एक वर्ष से अधिक समय तक टलने की उम्मीद है क्योंकि चुनाव कराने के लिए बहुत ही कम समय है और पार्टी को अगले वर्ष होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना है।
कांग्रेस पार्टी में कई यद्यपि राहुल का पद बढाने के समय पर बंटे हुए हैं और वे चाहते हैं कि इसे आगामी विधानसभा चुनाव तक टाल दिया जाए। पार्टी के कुछ नेता महसूस करते हैं कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर सोनिया गांधी को पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखना चाहिए।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है जिसमें एनडीटीवी पर एक दिन का प्रतिबंध भी शामिल है जो विपक्ष के साथ ही मीडिया में भी एक चर्चा का मुद्दा बना हुआ है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवम्बर से शुरू हो रहा है और कांग्रेस इस बैठक में सत्र के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगी।
कांग्रेस कई मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहती है जिसमें एनडीटीवी पर एक दिन के प्रतिबंध के मद्देनजर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा शामिल है।
कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव लंबे समय से लंबित है और पार्टी ने प्रक्रिया को 31 दिसम्बर तक पूरा करने के लिए चुनाव आयोग से समय मांगा था। पार्टी ने चुनाव आयोग को इसके बारे में सूचित किया था जो कि नियमों के तहत जरूरी है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बैठक में संगठनात्मक चुनाव और संसद सत्र के लिए एक रणनीति अपनाने के अलावा वर्तमान राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया जाएगा तथा पार्टी अगले वर्ष उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा करेगी।
कांग्रेस संसद सत्र के दौरान भाजपा को घेरने के लिए जिन राजनीतिक मुद्दों को उठाने की योजना बना रही है उनमें लक्षित हमले से राजनीतिक लाभ लेना, मध्यप्रदेश में एक ‘‘मुठभेड’’़ में सिमी के आठ सदस्यों के मारे जाने के साथ ही तीन तलाक और समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे समय हो रही है जब कई का मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी की बागडोर अपने पुत्र राहुल गांधी को सौंप देनी चाहिए क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है, विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गत दो अगस्त के रोड शो के बाद से जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।