नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गंगा नदी की सफाई और उसके कायाकल्प से संबंधित याचिका पर बुधवार को सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मामले की सुनवाई 30 मार्च के लिए मुकर्रर की है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने संबंधित अधिकारियों की अनुपलब्धा का हवाला देकर और वक्त मांगा।
वकील ने अधिकरण से कहा कि व्यवस्था में बदलाव आया है और राज्य में नई सरकार है जिस वजह से प्रशासन में फेरबदल हुआ है। बहरहाल, पीठ ने यह कहते हुए और वक्त देने से इनकार कर दिया कि हमें यह सब नहीं बताएंं। हमारे साथ राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा नहीं करें क्योंकि हम गंगा नदी के प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं।
अधिकरण ने पहले कानपुर के नगर निगम आयुक्त और शहर के जल निकाय के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा था कि पर्यावरण को खराब करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए। पीठ मामले के जल्दी निपटान के लिए गंगा सफाई मामले की सुनवाई रोजाना कर रहा है। पीठ ने पहले जल संसाधन मंत्रालय और यूपी जल निगम के प्रत्येक अधिकारी पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया था क्योंकि यूपी के गढ़मुक्तेवर में गंगा नदी में 30 नालों के मिलने की गलत जानकारी पीठ को दी थी।