नई दिल्ली। समझा जाता है कि सरकार ने उच्च न्यायालय में 44 न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके पहले दो मौकों पर उनके नामों को उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम को लौटा दिया गया था।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने रविवार को बताया कि 29 उम्मीदवार इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हैं जबकि दो कर्नाटक उच्च न्यायालय से, सात कलकत्ता उच्च न्यायालय से और छह मद्रास उच्च न्यायालय से हैं।
उच्चतम न्यायालय के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों के निकाय कॉलेजियम ने 10 अपै्रल को उम्मीदवारों की उच्च न्यायालय में नियुक्ति के अपने फैसले की दूसरी बार पुष्टि की थी।
प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सिफारिश को दूसरी बार भेजने का फैसला किया था।
स्थापित चलन के अनुसार, सरकार आम तौर पर उन उम्मीदवारों को न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति है जिनके बारे में कॉलेजियम अपनी सिफारिश दोहराता है। लेकिन इधर हाल में मोदी सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों पर एक से अधिक बार असहमति जता चुकी है।
पिछले हफ्ते बंबई और जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालयों के लिए कुल 17 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी। देश के 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 1079 है लेकिन 629 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं।
इस बीच कानून मंत्रालय सूत्रों ने कहा कि इस साल कुल स्वीकृत पदों की संख्या 1079 में वृद्धि किए जाने की संभावना कम है क्योंकि मुख्य जोर 24 उच्च न्यायालयों में खाली पदों को भरने पर है।
देश भर में अदालतों में तीन करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं।