नई दिल्ली। सामान की ढुलाई को अड़चन रहित बनाने के लिए सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा अनुबंध पर लिए गए सभी वाहनों के लिए इलेक्ट्रानिक टोल टैग को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है।
सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई अंतर मंत्रालयी बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान और अन्य लोग मौजूद थे।
गडकरी ने बैठक के बाद कहा कि संबंधित मंत्रालय प्रशासनिक आदेश जारी कर सरकारी विभागों द्वारा अनुबंध पर लिए गए ट्रकों के लिए इसे अनिवार्य बनाएंगे। ऐसे विभागों में भारतीय खाद्य निगम एफसीआई, पेट्रोलियम और खान विभाग शामिल हैं जिनके ट्रकों पर फास्टैग लगा होगा।
फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान प्रणाली आरएफआईडी पर आधारित है और इसका इस्तेमाल करना काफी आसान है। इसमें स्वत तरीके से टोल कटा जाएगा और ट्रकों को टोल प्लाजा पर नकद में टोल देने के लिए रकना नहीं पड़ेगा।
गडकरी ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय के करीब 50,000 पीओएल ट्रकों पर फास्टैग लगा दिया गया है। एलपीजी ट्रकों के लिए इसे लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी बचत होगी। एक अध्ययन के अनुसार टोल प्लाजा पर देरी से सालाना 70,000 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।