नई दिल्ली। आईटी क्षेत्र के हितों की रक्षा के प्रति सरकार के गंभीर होने पर जोर देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ने 271 लोगों की एक सूची देते हुए दावा किया है कि वे अवैध रूप से रह रहे भारतीय हैं लेकिन सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया और ब्यौरे की मांग की गई है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने उनकी सूची को स्वीकार नहीं किया और उनसे ब्यौरा देने को कहा है ताकि उचित जांच की जा सके। इसके बाद ही उनकी वापसी के लिए जरूरी दस्तावेज जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने विभिन्न सदस्यों द्वारा जतायी गयी चिंता को खारिज करते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद अमेरिका की नीतियों में कोई बदलाव नहीं आया है।
सुषमा ने कहा कि एच। वीजा, एल। वीजा आदि के संबंध में अमेरिकी संसद कांग्रेस में चार विधेयक पेश किए गए हैं। लेकिन वे अभी तक पारित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय नागरिकों और आईटी क्षेत्र के हितों की रक्षा के लिए गंभीर है और इस संबंध में सरकार उच्चतम स्तर पर अमेरिका से बातचीत कर रही है।
भारत सरकार का पहला प्रयास उनकी नौकरियों को बचाने का है। विदेश मंत्री ने कहा कि हमने उनसे कहा है कि हमारे आईटी पेशेवर उनकी नौकरियां नहीं ले रहे हैं बल्कि उनकी अर्थव्यवस्था में योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत में आंकड़े आए थे कि अमेरिका में 1.14 करोड़ अवैध प्रवासी हैं जिनमें 2.60 लाख भारतीय हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस आंकड़े को स्वीकार नहीं करते क्योंकि बिना उचित जांच के ऐसे प्रामाणिक नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका में बिना दस्तावेज के रह रहे भारतीय नागरिकों के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।