नई दिल्ली। देश के चार हाई कोर्टों में नियुक्ति के लिए सरकार को 18 पूर्व न्यायाधीशों का नाम प्राप्त हुए हैं। लंबित मामलों के निपटाने के लिए कुछ दिन पहले ही कार्यपालिका और न्यायपालिका ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की तैनाती के लिए संविधान के असाधारण प्रावधान लागू करने पर सहमति व्यक्त की थी।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इन नामों पर विचार किया जा रहा है। जिन हाई कोर्टों में इन न्यायाधीशों की नियुक्ति होनी हैं उनमें आंध्र प्रदेश-तेलंगाना, मध्य प्रदेश, इलाहाबाद और कलकत्ता हाई कोर्ट शामिल हैं।
अप्रैल में हुए मुख्यमंत्रियों व मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन के मिनट्स के मुताबिक, हाई कोर्टों में लंबित सिविल और आपराधिक मामलों की असाधारण स्थिति से निपटने के लिए हाई कोर्टों के न्यायाधीश रह चुके ईमानदार, उपयुक्त और अच्छे प्रदर्शन वाले व्यक्तियों के लिए संविधान के अनुच्छेद 224ए के प्रावधानों को लागू किया जा सकता है।
इस प्रावधान के मुताबिक, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति (केंद्र सरकार) की पूर्व अनुमति से हाई कोर्ट के किसी पूर्व न्यायाधीश से राज्य के हाई कोर्ट में जज के रूप में कार्य करने के लिए कह सकते हैं। दरअसल, सम्मेलन के मिनट्स को सुप्रीम कोर्ट ने तैयार किया था।
लेकिन कानून मंत्रालय ने कहा कि मसौदे में कुछ भबदु निर्णायक प्रकृति के हैं जबकि सम्मेलन में उन पर बातचीत अनिर्णायक रही थी। अप्रैल में सम्मेलन के समय सदानंद गौड़ा कानून मंत्री थे।