नोटबंदी पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री द्वारा देने की मांग सरकार ने खारिज की 

Samachar Jagat | Thursday, 17 Nov 2016 07:18:41 PM
government dismissed to discuss over old note ban answers sought by pm modi

नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में चर्चा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब देने की विपक्ष की मांग आज सरकार ने खारिज कर दी और आरोप लगाया कि विपक्षी दल इस विषय पर चर्चा को बाधित करने के बहाने तलाश रहे हैं क्योंकि यह उनके खिलाफ जा रहा है। 

नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे और प्रधानमंत्री के मौजूद रहने की मांग के कार दोनों सदनों में कार्यवाही नहीं चलने के बाद सूचना प्रसार मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन के नियमों और स्थापित चलन के मुताबिक सरकार की ओर से चर्चा का जवाब संबंधित मंत्री या कोई अन्य व्यक्ति देंगे। 

राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर कल शुरू हुई चर्चा विपक्षी दलों के शोरशराबे के कारण आज आगे नहीं बढ़ सकी। विपक्षी दल प्रधानमंत्री के मौजूद रहने और जवाब देने की मांग कर रहे थे।

वहीं लोकसभा में मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग पर विपक्षी दलों के हंगामे के कार निचले सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी। सरकार हालांकि नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार थी। 

वेंकैया नायडू ने कहा, ''राज्यसभा में चर्चा आधी गुजरने के बाद उन्हें लगा कि इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और उल्टा पडऩे जा रहा है। अब मुझे लगता है कि क्या वे इससे बाहर आने के लिए रास्ते तला रहे हैं और इसके मद्देनजर चर्चा बाधित कर रहे हैं। 

कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के हंगामे को चर्चा बाधित करने का ''बहाना" करार देते हुए वेंकैया नायडू ने आरोप लगाया कि इसके पीछे कोई औचित्य नहीं है। 

उन्होंने कहा कि चीजें नियमों और सदन की प्रक्रियाओं के तहत होती हैं। उन्होंने आग्रह किया कि चर्चा नियमों, प्रक्रियाओं के तहत हो रही है और आसन सभी बातों का ध्यान रखता है। 

वेंकैया ने कहा, ''मुझे लगता है कि जिन लोगों ने चर्चा शुरू की, उन्हें अब समझ आ गया है कि इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। और इसलिए वे चर्चा नहीं होने देने के लिए बहाने तला रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ''वे अब दो स्वर में और अलग अलग आवाजों में बातें कर रहे हैं। वे स्पष्ट तौर पर न तो इसके पक्ष में आ रहे हैं और न ही इसका विरोध कर रहे हैं। वे दुविधा में है और उनकी दुविधा जारी रहेगी। 

केंीय मंत्री ने कहा कि पूरा दे इसे देख रहा है कि कौन लोग कालाबाजारियों और कालाधन रखने वाले लोगों के साथ है और कौन लोग सरकार और प्रधानमंत्री के साथ हैं जिन्होंने ऐसा क्रांतिकारी कदम उठाया है। उन्हें विकल्प चुनना है। 

वेंकैया ने कहा, ''चर्चा होने दें और तब बात आयेगी कि सरकार में जवाब कौन देगा। वह संबंधित मंत्री हो सकता है। सरकार की ओर से परंपराओं और नियमों के तहत समाधान आयेगा।''

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कार उत्पन्न परेानियों को दूर करने का सरकार प्रयास कर रही है और अगर कोई सुझाव आता है तब उस पर सकारात्मक ढंग से विचार किया जा रहा है। सरकार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न विचारों पर खुला रुख रखती है। लेकिन अगर कोई इस पर सवाल खड़ा करने का प्रयास करता है तब अंतत: मूल्यांकन और र्निणय जनता को करना है। 
-भाषा



 

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