नई दिल्ली। शहर में वायु प्रदूषण के स्तर में अभूतपूर्व वृद्धि के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने आज वैक्यूम क्लीनिंग, प्रमुख सडक़ों पर पानी के छिडक़ाव, निर्माण स्थलों पर धूल में कमी लाने और पत्तों को जलाने पर प्रतिबंध लगाने समेत कई अन्य उपायों की घोषणा की।
संबंधित विभागों के साथ लंबी बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने की रूप-रेखा तैयार की है। इसके तहत लैंडफिल स्थलों के साथ-साथ शवदाहगृहों से निकलने वाले विषैले प्रदूषकों में कमी लाने के लिए उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण लगाए जाएंगे।
सिसोदिया ने कहा कि लोक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी को दो सप्ताह के भीतर वैक्यूम क्लीनिंग और एजेंसी के अंतर्गत आने वाले 1250 किलोमीटर की सडक़ों पर पानी के छिडक़ाव को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया गया है। मानसून के कारण सडक़ों की वैक्यूम क्लीनिंग का काम रोक दिया गया था।
सिसोदिया ने कहा कि पीडब्ल्यूडी शहर के सबसे प्रदूषित इलाकों में शामिल मुकरबा चौक एवं आनंद विहार समेत पांच प्रमुख यातायात चौराहों पर मिस्ट फव्वारा लगाए जाने की संभावना तलाश रहा है। पीडब्ल्यूडी यातायात चौराहों पर वायु शोधक लगाने पर भी विचार कर रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति डीपीसीसी को 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। एजेंसी को निर्माण स्थलों पर धूल से होने वाले प्रदूषण को लेकर सिसोदिया को विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है।