नई दिल्ली। गीता के माता-पिता का पता लगाने के क्रम में मंगलवार को फोरेंसिक विशेषज्ञों ने डीएनए जांच के लिए तेलंगाना के एक दंपति के रक्त के नमूने लिए जिसने दावा किया था कि पाकिस्तान से लौटी भारतीय लडक़ी उनकी बेटी है। विदेश मंत्रालय में डॉ चितरंजन बेहरा की अगुवाई में एम्स के फोरेंसिक विभाग की एक टीम ने तेलंगाना के खम्मम जिले के किसान दंपति जे कृष्णैया और गोपाम्मा के खून के नमूने लिए। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन नमूनों का परीक्षण एम्स फोरेंसिक प्रयोगशाला और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला सीएफएसएल में किया जाएगा और गीता के नमूनों से मिलाया जाएगा जो सीएफएसएल में पहले से रखे गए हैं, ताकि परिवार के दावे की पुष्टि की जा सके।
अधिकारी ने बताया कि दंपति ने कहा है कि मूक और बधिर बेटी उनकी चार लड़कियों में से सबसे छोटी है जो 2008 में लापता हो गई थी तब वे गुंटूर में एक धार्मिक सभा में शिरकत करने के लिए गए थे। उनको लगता है कि गीता का पैदाइशी निशान सहित उनकी बेटी गीता से मिलती जुलती लगती है।
डॉक्टरों की टीम एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट विदेश मंत्रालय में जमा कराएगी। कृष्णैया और उनकी पत्नी तेलंगाना में खम्माम जिले के जुलूरपड के पतामाता नारासापुरम के रहने वाले हैं। वे मध्य प्रदेश के भोपाल में भी गए थे जहां 24 वर्षीय गीता मूक बधिरों के लिए बने संस्थान में रह रही है। यह तीसरा डीएनए परीक्षण है जो गीता के माता-पिता का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। वह पिछले साल अक्तूबर में भारत वापस आई थी।