नई दिल्ली। बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार देते हुए वित्तराज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस निर्णय से देश में आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा और आने वाले समय में जीडीपी वृद्धि दर 2 प्रतिशत बढक़र 10 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचेगी।
मेघवाल ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों से अपील की कि नोटबंदी पर सदन में चर्चा करें, सकारात्मक सुझाव दें और सरकार इन सुझावों पर खुले मन से विचार करने को तैयार है क्योंकि यह कदम गांव, गरीब, किसानों और आम लोगों के हित में है।
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कुछ अर्थशास्त्रियों ने नोटबंदी के बाद दो तिमाही में जीडीपी में कुछ मंदी आने की बात कही है। मेरा मानना है कि इस फैसले से आने वाले समय में जीडीपी वृद्धि दर में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी आएगी और यह (जीडीपी वृद्धि दर) 10 प्रतिशत तक जाएगी।
उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसे धन संबंधी लेनदेन और कार्य हैं जो आर्थिक गतिविधियों के रूप में नहीं लिए जाते हैं। नोटबंदी के फैसले के पूरी तरह लागू होने के फलस्वरूप आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा और इसके कारण आने वाले समय में जीडीपी में 2 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
ऐसा हमारा अनुमान है। नोटबंदी का फैसला लागू करने को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन भसह द्वारा बहुत बड़ा कुप्रबंधन और ‘कानूनी लूट खसोट’ बताए जाने पर कड़ा एजराज व्यक्त करते हुए मेघवाल ने कहा कि मनमोहन सिंह, भारत सरकार के आॢथक सलाहकार से लेकर रिजर्व बैंक के गर्वनर, वित्तमंत्री और 10 वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
सिंह ने इतने वर्षों तक आरबीआई, वित्त मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय जैसे अहम पदों का दायित्व संभाला । मेरी समझ में यह नहीं आ रहा है कि इतने दफा इन ‘मान्यूमेंट’ में बैठने के बाद वे इन्हें ठीक क्यों नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि 86 प्रतिशत करेंसी जिन्हें अमान्य किया गया है, वह गरीब आदमी के पास तो नहीं थी। अगर यह मुद्रा सकरुलेशन में वापस आती है, तो इसे लूट कैसे कहा जा सकता है।
मेघवाल ने कहा कि लूट तो 2 जी घोटाला, कोयला घोटाला, राष्ट्रमंडल घोटाला था जिसमें कई लाख करोड़ रुपए की लूट हुई थी। मेघवाल ने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय का आमतौर पर हर क्षेत्र के लोगों ने स्वागत किया है। युवा वर्ग प्रधानमंत्री के इस निर्णय के साथ खड़ा है।
गांव का गरीब आदमी मोदीजी की इस मुहिम के साथ है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि लोगों को लगता है कि यह स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है, जैसे स्वच्छ भारत अभियान में साफ सफाई का कार्य होता है- उसी प्रकार नोटबंदी के निर्णय से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यवस्था में सुधार और सफाई का कार्य होगा।
नोटबंदी के निर्णय को लागू करने को लेकर विपक्ष समेत कुछ वर्गों की आलोचना के बारे में एक सवाल के जवाव में मेघवाल ने कहा कि 8 नवंबर को जब प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा की थी तब उन्होंने कहा था कि प्रारंभ में कुछ परेशानी पेश आएगी और सभी से सुझाव भी मांगा था। तब से लेकर मीडिया, सोशल मीडिया समेत विभिन्न पक्षों से सुझाव आए और इन सुझावों के आधार पर 40 परिपत्र सरकार ने जारी किए और इसके अनुरूप सुविधाएं प्रदान की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का रूख सभी तरह के सुझावों के प्रति खुला है।