गैंगरेप केस: दो और आरोपी अरेस्ट, गायत्री प्रजापति अब भी फरार

Samachar Jagat | Tuesday, 07 Mar 2017 12:21:50 PM
 gang Rape case Two more accused arrested, Gayatri Prajapati still at large

नई दिल्ली। गैंगरेप मामले में यूपी के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। वह फरार बताया जा रहा है। पुलिस अब मंत्री की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है। इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की अर्जी खारिज होने के बाद माना जा रहा था कि वह सरेंडर कर सकते हैं, पर अब तक प्रजापति फरार चल रहा है। इस मामले में एसटीएफ ने सोमवार देर रात 2 आरोपियों को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को लखनऊ भेज दिया गया है। अब तक इस मामले में 3 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मंत्री के गनर और इस मामले में सहआरोपी चंद्रपाल की भी सोमवार को गिरफ्तारी हो चुकी है।

प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापे

इधर, गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यूपी पुलिस ने अखिलेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी के लिए धरपकड़ तेज कर दी है। नोएडा से अरेस्ट हुआ अशोक तिवारी मंत्री गायत्री प्रजापति का करीबी और रेप मामले के मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। पेशे से लेखपाल अशोक तिवारी पर अमेठी जिला प्रशासन निलंबन की कार्रवाई कर चुका है।

अन्य फरार आरोपियों की भी तलाश

पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सहआरोपी अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को गिरफ्तार कर नोएडा से लखनऊ भेजा गया है। इनकी नोएडा में होने की सूचना मिली थी। इस मामले के अन्य फरार आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। बता दें कि जब गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे, तभी से पूरे प्रदेश के खनन विभाग की जिम्मेदारी अशोक तिवारी के कंधे पर थी और पूरा हिसाब भी वही देखता था। अशोक तिवारी चित्रकूट का रहने वाला है और अमेठी तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात था। गैंगरेप और यौनशोषण के आरोप में फरार चल रहे गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है।

ये है मामला

 चित्रकूट की एक महिला ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में 18 फरवरी को गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पिंटू सिंह, अशोक तिवारी, विकास वर्मा, चन्द्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिखी गई थी। आरोप है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद दबाव में आई पुलिस काफी सुस्त तरीके से पड़ताल कर रही थी। पीडि़ता ने आरोप लगाया था कि साल 2014 में गायत्री के आवास पर उसके साथ गैंगरेप हुआ था।
 



 

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