मुम्बई। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रतिबंध के बगैर नहीं है और चेतावनी दी कि देश की एकता और अखंडता को तोडऩे का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने हाल में दिल्ली के रामजस कॉलेज में हुई हिंसा का हवाला देते हुए यहां आयोजित इंडिया टुडे सम्मेलन में कहा, ‘‘असहमति स्वीकार्य है लेकिन विभाजन देश का स्वीकार्य नहीं है और यह सरकार इसकी अनुमति नहीं देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार देश की एकता और अखंडता से समझौता नहीं करने जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि कोई भी अगर कानून अपने हाथ में लेता है तो उसकी निंदा होनी चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि अगर किसी के विचार अलग हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं लेकिन दूसरों की भावना को आहत किये बगैर। उन्होंने कहा, ‘‘आपको हमारे देश की संवेदनशीलता को समझना होगा।
हमारे यहां कई जातियां, धर्म, क्षेत्रीय असमानताएं हैं... सैकड़ों भाषाएं हैं और कई जटिलताएं हैं। अगर कोई समाज के दूसरे तबके की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास करता है तो उस पर कुछ रोक हैंं।’’ विश्वविद्यालय एवं कॉलेज परिसर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर नायडू ने कहा कि 740 विश्वविद्यालयों में से केवल छह...सात विश्वविद्यालयों के छात्र समस्या पैदा कर रहे हैं। पिछले महीने रामजस कॉलेज में छात्रों के नारे की नकल करते हुए नायडू ने आश्चर्य जताया कि वहां छात्रों को पूरा क्या करना था।
दरअसल छात्रों ने ‘कश्मीर की आजादी’, ‘बस्तर के लिए आजादी’, ‘अफजल गुरू तुम्हारे काम अधूरे हैं और हम उन्हें पूरा करेंगे’ जैसे नारे लगाए थे। उन्होंने पूछा, ‘‘अफजल गुरू संसद को विस्फोट से उड़ाना चाहता था। भगवान का शुक्र है कि हमारे सैनिकों की शहादत से हम सब बच गए। ये लोग अफजल गुरू के बचे हुए एजेंडे को पूरा करना चाहते हैं, लेकिन कोई इसे कैसे स्वीकार कर सकता है?’’ -(एजेंसी)