नई दिल्ली। 300 से अधिक निर्माण स्थलों पर शहर में धूल प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया गया है, हालांकि कचरे को खुले में जलाने के खिलाफ अभियान ने उतनी रफ्तार नहीं पकड़ी।
दिल्ली सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़े के विश्लेषण से इसका पता चला। नवंबर 2015 से सरकारी विभागों और नगर निकायों ने जुर्माने के तौर पर करीब दो करोड़ की राशि वसूल की है। इन विभागों और नगर निकायों को धूल प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार दिया गया है।
दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और सभी नगर निकायों सहित एजेंसियों के पास निर्माण नियमों का उल्लंघन करने वालों एवं खुले में कचरा जलाने वालों पर जुर्माना लगाने का अधिकार है।
आंकड़ों से पता चला कि राजस्व विभाग, ईडीएमसी, एसडीएमसी, उत्तरी एमसीडी, एनडीएमसी ने सितंबर, अक्तूबर और नवंबर महीने में करीब 342 स्थलों का चालान काटा जबकि इस दौरान खुले में कचरा जलाने वाले केवल 90 लोगों पर जुर्माना लगाया गया।
राजस्व विभाग ने पिछले एक साल में खुले में कचरा जलाने वाले लोगों के खिलाफ केवल 136 चालान काटे जबकि ईडीएमसी ने ऐसे 242 और उत्तरी एमसीडी ने 262 चालान काटे।