पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में इस साल बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान के बाद केंद्रीय दल के दौरे में देरी की वजह से समय पर सहायता नहीं मिलने को लेकर केंद्र के रूख पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया और जल्द ही केंद्रीय दल को राज्य में भेजने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री सिंह से उनकी मुलाकात के बाद राज्य सरकार ने केंद्र को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजकर इस साल बाढ़ सहायता के लिए 4,111.98 करोड़ रपये की सहायता मांगी थी। उन्होंने कहा कि उसके बाद से राज्य सरकार के अधिकारी केंद्र के साथ संपर्क में हैं।
नीतीश ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने दिवाली से पहले राज्य को सूचित किया था कि केंद्र के आकलन दल का दौरा 10-11 नवंबर तक टाल दिया गया है और उसी हिसाब से सभी तैयारियां की गई हैं। लेकिन कल गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव के एक पत्र में लोक लेखा समिति की बैठक और 16 नवंबर से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत के कारण यात्रा को स्थगित करने की सूचना दी गयी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय दल का दौरा महीने के आखिर में प्रस्तावित ह
नीतीश ने कहा कि आप इस बात से सहमत होंगे कि बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन तय समयसीमा में हो जाना चाहिए। सचाई यह है कि मूल्यांकन का काम सितंबर में ही हो जाना था। बाढ़ प्रभावित इलाकों के किसानों ने रबी और खरीफ की फसल की बुवाई शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में केंद्रीय दल को नवंबर के आखिर में अपने दौरे के समय बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने में व्यावहारिक दिक्कत आ सकती है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से अनुरोध किया कि हालात की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय दल को जल्द से जल्द भेजा जाए। भाषा